scorecardresearch

CBSE Result: 12वीं में नंबर कम आए तो पिता ने कर दिया ट्वीट, बेटे की तारीफ और दिया प्रोत्साहन.. अन्य अभिभावकों के लिए भी लिखी बातें

बेटे के 12वीं में कम अंक आने पर शिक्षा अधिकारी ने कर डाला ट्विटर पर ट्वीट. ट्वीट में की उसकी तारीफ, साथ ही अन्य अभिभावकों को दिया संदेश. बेटे के प्रोत्साहन के लिए अपने अंक किए सबके आमने उजागर.

बीएसए अधिकारी राकेश सिंह बीएसए अधिकारी राकेश सिंह

कक्षा 10वीं और 12वीं छात्रों के जीवन में काफी महत्व रखती हैं. जब भी कोई छात्र इन कक्षाओं में होता है, तो उसके माता-पिता पढ़ाई पर काफी जोर देने के लिए कहते हैं. या दूसरे शब्दों में कहें तो छात्रों के ऊपर काफी प्रेशर होता है. यह प्रेशर होता है अच्छे नंबरों से पास होने का. 10वीं और 12वीं के अंक आगे की पढ़ाई का रास्ता बनाते हैं. लेकिन अगर किसी के अंक ही इन कक्षाओं में खराब आ जाएं तो?

हाल ही में कक्षा 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित हुआ है. इसमें जहां कक्षा 10वीं का पास पर्सेंटाइल 93 फीसदी रहा, तो वहीं कक्षा 12वीं का पास पर्सेंटाइल 88.39 फीसदी रहा. ऐसा भी होगा कि कई बच्चे रहे होंगे जिनका रिजल्ट थोड़ा खराब आया होगा तो माता-पिता ने डांटा भी होगा. लेकिन अलीगढ़ के बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) राकेश सिंह ने एक अलग मिसाल पेश की है. उन्होंने अपने बेटे के कम नंबर आने पर उसे डांटने की बजाए ट्वीट कर तारीफ कर डाली.

क्या बोले बीएसए
राकेश सिंह के बेटे के 12वीं में 60 फीसदी अंक आए. अगर कोई और माता-पिता होता तो शायद वह डांटता, कि आगे कैसे सलेक्शन होगा तुम्हारा, क्या करोगे जिंदगी, सब खराब हो गया और ना जाने कैसी-कैसी बातें होती. लेकिन राकेश सिंह ने बेटे के प्रोत्साहन के लिए ट्वीट किया. साथ ही अन्य माता-पिता को समझाया कि किस तरह केवल ज़िंदगी में नंबर ही मायने नहीं रखते. कम नंबर पर भी आपका बेटा-बेटी ज़िंदगी में सफल हो सकते हैं.

दी खुद की मिसाल
बेटे के प्रोत्साहन के लिए राकेश सिंह ने ट्वीट कर बताया कि उनके खुद के 12वीं में केवल 75 फीसदी अंक आए थे. तो वहीं स्नातक में 60 फीसदी अंक. इसके अलावा एंट्रेंस टेस्ट में बेसिक सवालों के उनके पास जवाब तक नहीं थे. वह कुछ भी नहीं जानते थे. लेकिन वह कभी निराश नहीं हुए और आज उतने ही कम अंक प्राप्त करने वाला शख्स बीएसए के पद पर तैनात है.

सम्बंधित ख़बरें

अन्य मां-बाप को भी दी सलाह
राकेश सिंह लिखते हैं, 'जिन बच्चों के नंबर कम आए हैं या उत्तीर्ण नहीं हो सके हैं उनको निराश होने की या उनके माता पिता को घबराने की जरूरत नहीं है. हम जिंदगी की शुरूआत कही से कभी भी कर सकते हैं जब मैं इंटर कर लिया और स्नातक का एन्ट्रेंस टेस्ट देने गया था तब मुझे अकबर बीरबल, बाबर, राज्यपाल और बैडमिंटन जैसे सवाल नहीं आते थे. मैंने इंट्रेंस टेस्ट इनसे संबंधित सारे सवालों को गलत किया था फिर भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मेरा प्रवेश हुआ'. उन्होंने यह मिसाल केवल इसलिए दी ताकि मां-बाप समझ सकें कि 12वीं में खराब अंक ज़िंदगी खत्म होने का नाम नहीं.