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ऑफिस के बाद घंटों ऑनलाइन ट्रेनिंग कराती थी कंपनी...एम्प्लाई ने कर दिया केस, मिला इतने लाख का मुआवजा

फर्ज कीजिए ऑफिस में आप जी तोड़कर काम करें और ऑफिस के बाद जब घर आएं तो सूकून के दो पल भी आपसे छीन लिए जाएं. बॉस ऑनलाइन ट्रेनिंग कराने के नाम पर आपके कई घंटे खा जाए... तो आपको कैसा महसूस होगा.

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हाइलाइट्स
  • एम्प्लॉई को मिलेगा ओवरटाइम का पैसा

  • कर्मचारी का निजी समय भी जरूरी है

फर्ज कीजिए, ऑफिस में आप जी-तोड़ मेहनत करें और जब घर लौटें, तो उम्मीद हो कि अब कुछ देर आराम मिलेगा। लेकिन तभी बॉस एक मैसेज भेजे, लॉग इन करिए, ऑनलाइन ट्रेनिंग है. हर दिन ऐसा ही हो, घंटों चले ये ट्रेनिंग, और आपकी नींद-सुकून, परिवार से वक्त सब छिन जाए… सोचिए, आपको कैसा लगेगा?

बीजिंग के एक इंजीनियर वांग के साथ कुछ ऐसा ही हुआ, लेकिन उन्होंने इसे चुपचाप सहने के बजाय कानूनी रास्ता अपनाया. अब इस मामले को कोर्ट में ले जाने के बाद वांग ने कंपनी के खिलाफ केस जीत लिया है. कोर्ट ने माना कि ऑफिस के बाद जबरन कराई गई ऑनलाइन ट्रेनिंग भी ओवरटाइम मानी जाएगी और उसका पैसा कर्मचारी को मिलना चाहिए.

कर्मचारी का निजी समय भी जरूरी है
बीजिंग में एक इंजीनियर ने अपने पुराने ऑफिस के खिलाफ केस जीत लिया है. कोर्ट ने फैसला दिया कि कंपनी ने उसे बार-बार ऑफिस टाइम के बाद भी ऑनलाइन ट्रेनिंग में शामिल होने को मजबूर किया, इसलिए अब उसे करीब 2.25 लाख ओवरटाइम के तौर पर देने होंगे.

इस मामले को चीन की मीडिया में बड़ा फैसला बताया जा रहा है क्योंकि इससे साफ हो गया कि कर्मचारी का निजी समय भी उसके काम जितना जरूरी है, और कोई भी कंपनी उसे बेवजह बर्बाद नहीं कर सकती.

ऑनलाइन ट्रेनिंग के लिए करना होता था देर रात लॉगइन
इंजीनियर वांग ने बताया कि कंपनी उसे डिंगटॉक (DingTalk) और वीचैट (WeChat) जैसे ऐप पर रोज ऑफिस के बाद ऑनलाइन ट्रेनिंग में हिस्सा लेने को कहती थी. अगर कोई कर्मचारी ट्रेनिंग में नहीं जुड़ता, तो उसे करीब 2,400 रुपये डोनेशन के नाम पर देना पड़ता था.

कंपनी ने दी सफाई, बस लॉगइन करना होता था
कंपनी ने कहा कि ये ट्रेनिंग जरूरी नहीं थीं. किसी को न बोलना होता था, न सुनना, बस लॉगइन करना होता था. उन्होंने ये भी कहा कि जब तक मैनेजमेंट से मंजूरी न हो, तब तक कोई भी ओवरटाइम नहीं माना जाएगा. कंपनी ने यह भी कहा कि जो डोनेशन देने की बात है, उसका इन ऑनलाइन ट्रेनिंग सेशन से कोई लेना-देना नहीं है.

कोर्ट ने कहा: काम के बाद की ट्रेनिंग भी ओवरटाइम
जब वांग की शिकायत लेबर कोर्ट में खारिज हो गई, तो उसने केस कोर्ट में दायर किया. बीजिंग की अदालत ने साफ कहा कि वांग के पास यह साबित करने के लिए सबूत हैं कि कंपनी ने ऑफिस टाइम के बाद उसे ट्रेनिंग में शामिल होने को कहा.

भले ही कंपनी कह रही थी कि सिर्फ लॉगइन करना होता था, लेकिन कोर्ट ने माना कि इससे वांग का निजी समय खराब हुआ, और वह ट्रेनिंग अनिवार्य थी. दान की पॉलिसी इस बात का सबूत है कि कर्मचारियों को मजबूरी में इसमें शामिल होना पड़ता था.

पूरी रकम नहीं, लेकिन कुछ पैसा मिलेगा
हालांकि, वांग ने कुल करीब 9.5 लाख की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने पाया कि कुछ ट्रेनिंग में वह देर से जुड़ा था. इसलिए कोर्ट ने करीब 2.25 लाख का मुआवजा तय किया.

काम के नाम पर ऑनलाइन वक्त बर्बाद करना भी गलत
कोर्ट ने कहा कि आज के समय में मोबाइल और ऐप्स के जरिए कर्मचारियों को हर समय ऑनलाइन रहने को कहा जाता है. ये उनका शोषण है. इस तरह के छुपे हुए ओवरटाइम को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. चीन में कई कंपनियां सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक, हफ्ते में 6 दिन काम करवाती हैं. ऐसे में यह फैसला करोड़ों कर्मचारियों के लिए राहत की खबर बन गया है.