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Saving Water: नहाने से लेकर साफ-सफाई और पौधे लगाने तक, जानिए कैसे बूंद-बूंद पानी बचा रही है यह महिला

Beautiful Bharat की को-फाउंडर, ओडेट कटरक, पिछले कई सालों से पानी के संरक्षण के लिए अलग-अलग तरह की पहलों पर काम कर रही हैं और दूसरों को भी उन्होंने प्रेरित किया है.

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गर्मियों का मौसम शुरू हुए महीनाभर हुआ है और अभी से कई शहरों में पानी की किल्लत की खबरें आने लगी हैं. ये खबरें किसी भी लिहाज से न हमारे आज और न ही हमारे कल के लिए अच्छी है. इस बात को ध्यान में रखते हुए बहुत से लोग अब पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में जुटे हैं. और कोई भी पहल आपके घर से होते है जो हर क्षेत्र में लोगों को प्रेरित कर सकती है. जैसा कि बंगलुरु में रहने वाले ओडेट करटक कर रही हैं. 

Beautiful Bharat की को-फाउंडर, ओडेट कटरक, पानी के संरक्षण के लिए कई सालों से काम कर रही हैं. नहाने के लिए सिर्फ तीन मग पानी इस्तेमाल करने से लेकर बिना ताजा पानी के 350 से ज्यादा पौधे लगाने तक, ओडेट कई तरह के प्रयासों में जुटी हैं. साल 2009 से उन्होंने इस सफर की शुरुआत की थी. उनके तीन मग पानी से नहाने की बात का अक्सर उनके दोस्तों के बीच मजाक बनता रहा है लेकिन उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि उनका लक्ष्य बड़ा है. 

बहुत से लोगों को किया है प्रेरित
ओडेट ने अपने अनूठे तरीकों से, उन्होंने कई लोगों को प्रेरित किया है, जिनमें बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में स्थित जीरो-वेस्ट जूस बार Eat Raja के संस्थापक आनंद राज भी शामिल हैं. राज अपने बिजनेस में अब 'Use less, reuse more' का सिद्धांत अपनाते हैं. उनका कहना है कि अगर उनके पास 100-150 ग्राहक आते हैं, तो उन्हें 250 मिलीलीटर गिलास को अच्छी तरह से धोने के लिए लगभग 30 लीटर पानी की जरूरत होती है. लेकिन हर दिन उनके पास 500 से ज्यादा ग्राहक आते हैं और इस कारण बहुत पानी चाहिए. 

ऐसे में, वह फलों के शैल (Fruit Shell) में जूस परोसते हैं और तब इसे फेंक दिया जाता है, तो वे इसका उपयोग खाद तैयार करने के लिए करते हैं. इसके अलावा, दुकान में स्लैब और फर्श की सफाई के लिए भी, RO से निकलने वाले वेस्ट वाटर का उपयोग किया जाता है.

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बचपन से ही हैं पानी के प्रति संवेदनशील 
पानी की कमी के बीच चेन्नई में एक संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी ओडेट को छोटी उम्र में ही पानी के संकट की गंभीरता का एहसास हो गया था. हालांकि, सालों पहले "A Letter to 2070" टाइटल वाली एक प्रेजेंटेशन ने उन्हें प्रेरित किया. यह पत्र एक पिता ने बेटे को लिखा है और इस पत्र में पानी के बिना दुनिया को सबसे भयानक और गंभीर शब्दों में चित्रित किया गया है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. 

बंगलुरु ट्रांसफर होने के बाद उन्होंने देख कि कैसे कुछ लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं और कुछ लोगों के पास घरों में पूरा पानी है. तब उन्होंने गंभीरता से इस बारे में कुछ करने का सोचा. उनके अनुसार ज्यादातर परिवारों को अपनी जरूरतों के लिए सिर्फ 30-40 प्रतिशत ताजे पानी की जरूरत होती है. उनकी पानी की बाकी ज़रूरतें पानी का रिसायकल करके पूरी की जा सकती हैं, भले ही वह गंदे, साबुन वाला या मैला हो, जैसे कि हाथ धोने का पानी, दालें, फल और सब्जियां, बेकार आरओ पानी, डीफ़्रॉस्टिंग का पानी और वॉशिंग मशीन के आउटलेट का पानी. 

दूसरों को कर रहे हैं शिक्षित 
ओडेट कहती हैं कि पानी की बचत बेंगलुरुवासियों तक और सिर्फ गर्मियों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह साल भर की आदत है जिसे हर कोई अपना सकता है. अपने सोशल मीडिया हैंडल @odettekatrak और @beautifulbharatorg के माध्यम से, वह पानी बचाने के आसान तरीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लगातार कंटेंट बनाती हैं.