
क्या आप भी रिलेशनशिप में हैं और अक्सर सोचते हैं कि “अब शादी करनी चाहिए या अभी थोड़ा और इंतजार करना सही रहेगा?” यह सवाल हर कपल के मन में कभी न कभी ज़रूर आता है. सोशल मीडिया पर अक्सर यह चर्चा होती रहती है कि जल्दी शादी करना
रिलेशनशिप को मजबूत बनाता है या फिर लंबे समय तक डेटिंग करने से रिश्ता और गहरा हो जाता है.
जल्दबाजी बनाम इंतजार
कई रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आप एक-दूसरे को मुश्किल से कुछ ही महीनों से जानते हैं और तुरंत शादी का फैसला कर लेते हैं, तो आगे चलकर टकराव और मतभेद की संभावना बढ़ जाती है. शादी सिर्फ प्यार पर नहीं, बल्कि समझदारी, धैर्य और एक-दूसरे के प्रति गहरी समझ पर टिकती है. इसलिए सिर्फ “फीलिंग्स के जोश” में शादी करने का फैसला लेना रिस्की हो सकता है.
कितना टाइम सही है?
अमेरिका और यूरोप में हुई कई स्टडीज़ के अनुसार, अगर कपल्स ने कम से कम 1.5 से 2 साल तक एक-दूसरे को डेट किया है, तो उनकी शादी लंबे समय तक टिकने की संभावना ज्यादा होती है. इस दौरान वे न सिर्फ एक-दूसरे की अच्छी आदतें जानते हैं, बल्कि गुस्सा, मतभेद और मुश्किल समय में कैसा व्यवहार करते हैं, यह भी समझ जाते हैं.
भारत के संदर्भ में रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स कहते हैं कि 1 से 3 साल का समय शादी के लिए परफेक्ट माना जाता है. इससे कम समय में शादी करने पर अक्सर कपल्स को बाद में अहसास होता है कि वे एक-दूसरे को ठीक से जानते ही नहीं थे. वहीं बहुत ज्यादा देर करने पर भी परिवार का दबाव, असुरक्षा और रिलेशनशिप थकान जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं.
सिर्फ टाइम नहीं, ये बातें भी जरूरी
शादी को नहीं कोई फिक्स्ड टाइमलाइन
तो सवाल का सीधा जवाब यह है कि शादी के लिए कोई “फिक्स टाइमलाइन” नहीं है, लेकिन ज्यादातर एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कम से कम 1 साल और अधिकतम 3 साल तक रिलेशनशिप में रहना आदर्श माना जाता है. इस दौरान कपल्स को एक-दूसरे की खूबियों और खामियों को समझने का पूरा मौका मिल जाता है.
अगली बार जब आपके दोस्त या परिवार वाले पूछें कि “शादी कब करोगे?” तो आप आत्मविश्वास से कह सकते हैं कि शादी का सही वक्त वही है, जब आप दोनों मानसिक, आर्थिक और भावनात्मक रूप से इसके लिए तैयार हों.