
क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में रिवॉल्वर या पिस्टल जैसे खतरनाक हथियार रखना मुमकिन है? जी हां, आपने सही पढ़ा! भारत में आम नागरिक भी आत्मरक्षा के लिए रिवॉलवर का लाइसेंस ले सकता है, लेकिन इसके पीछे की सच्चाई इतनी पेचीदा है कि आप हैरान रह जाएंगे.
भारत में हथियार रखने का सपना देखने वाले लोग अक्सर सोचते हैं कि क्या कोई भी इसे ले सकता है? जवाब है-नहीं, इतना आसान नहीं! आर्म्स एक्ट, 1959 के तहत सिर्फ वही लोग लाइसेंस के हकदार हैं, जिनकी उम्र 21 साल से ज्यादा हो और जिन्हें सही कारण दिखाना पड़े. आत्मरक्षा, शिकार, या खेलकूद जैसे वैध बहाने ही लाइसेंस दिला सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके लिए आपकी जिंदगी की हर छोटी-बड़ी बात की पड़ताल होगी? पुलिस आपके घर जाकर सत्यापन करेगी, आपका आपराधिक रिकॉर्ड चेक होगा, और अगर कोई गड़बड़ मिली, तो अलविदा कहना पड़ेगा!
उम्र और फिटनेस का कड़ा इम्तिहान
लाइसेंस पाने के लिए आपकी उम्र 21 साल होनी चाहिए, लेकिन बस उम्र ही काफी नहीं. आपको शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह फिट होना होगा. मेडिकल सर्टिफिकेट देना अनिवार्य है, जिसमें डॉक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि आप हथियार चलाने लायक हैं. अगर आपकी सेहत में कोई कमजोरी या मानसिक तनाव की शिकायत है, तो लाइसेंस का सपना अधूरा रह जाएगा. क्या आप इस टेस्ट को पास कर पाएंगे?
आपराधिक रिकॉर्ड बनेगा विलेन
अगर आपका नाम किसी गंभीर अपराध से जुड़ा है, तो भूल जाइए लाइसेंस की बात! पुलिस आपकी पृष्ठभूमि की गहन जांच करेगी. कोई छोटी-मोटी चोरी से लेकर हिंसा का मामला भी आपको अयोग्य ठहरा सकता है. यहां तक कि पुराने केस भी आपके खिलाफ जा सकते हैं. तो सोच लीजिए, क्या आपकी जिंदगी बेदाग है?
ऑनलाइन प्रक्रिया से शुरुआत
आधुनिक भारत में लाइसेंस लेना ऑनलाइन भी मुमकिन है, खासकर दिल्ली जैसे बड़े शहरों में. आपको वेबसाइट पर आवेदन करना होगा, जिसमें यह साफ करना होगा कि आपको रिवॉल्वर, राइफल, या पिस्टल किस लिए चाहिए. लेकिन सावधान! हर डिटेल सही होनी चाहिए, वरना रिजेक्शन तय है. इसके बाद पुलिस सत्यापन का लंबा इंतजार शुरू हो जाता है- कई बार महीनों तक!
कीमत जो हिला देगी जेब
लाइसेंस मिलने के बाद हथियार खरीदने की बात आती है. 0.22 बोर की सस्ती रिवॉल्वर की कीमत 35,000 रुपये से शुरू होती है, जबकि ब्रांडेड पिस्टल जैसे बेरेटा 44,500 रुपये तक पड़ सकती है. ऊपर से हर साल 500 रुपये या तीन साल में 1,500 रुपये रिन्यूअल फीस! क्या आपकी जेब इस खर्च को संभाल पाएगी?
सख्त नियमों का जाल
लाइसेंस मिलने के बाद भी आजादी सीमित है. हथियार दिखावे या दहशत फैलाने के लिए इस्तेमाल हुआ, तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है. हर 5 साल में रिन्यूअल जरूरी है, और नियम तोड़ने पर लाइसेंस रद्द हो सकता है. तो क्या आप इस जिम्मेदारी को उठाने के लिए तैयार हैं?
क्या हर कोई ले सकता है लाइसेंस?
नहीं, हर किसी को नहीं! सिर्फ वही लोग लाइसेंस पा सकते हैं, जो सारी शर्तें पूरी करें. आम आदमी के लिए यह प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण है, और कई बार भ्रष्टाचार की शिकायतें भी सामने आती हैं.
(नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Gnt डिजिटल इनकी पुष्टि नहीं करता है.)