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Millet Mission: कलेक्टर की पहल से शुरू हुआ अनोखा कैफे, जहां आप खा सकते हैं मिलेट पिज़्ज़ा तक

साल 2023 को संयुक्त राष्ट्र ने Internaltional Year of Millets के रूप में घोषित किया है और इसलिए भारत सरकार लगातार लोगों को इस बारे में जागरूक करने की कोशिशें कर रही है.

Millets Cafe (Photo: Google Maps) Millets Cafe (Photo: Google Maps)
हाइलाइट्स
  • संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में खुला अनोखा मिलेट कैफे (Millet Cafe) लोगों को हैरान कर रहा है. यह किसी स्टैंडर्ड रेस्तरां से कम नहीं है. लेकिन यहां की सबसे दिलचस्प बात है यहां का मेन्यू. इस कैफे के मेन्यू ऐसी डिशेज है जो न सिर्फ स्वादिष्ट और हटके हैं बल्कि आपकी-हमारी सेहत के लिए भी अच्छी हैं. 

इस कैफे की खासियत है कि यहां पर सभी डिशेज को मोटे अनाजों जैसे बाजरा, रागी आदि से बनाया जाता है. रायगढ़ जिला प्रशासन ने पिछले साल मई में इसकी शुरुआत की. ताकि राज्य सरकार के "बाजरा मिशन" पहल को बढ़ावा मिल सके और लोगों को मिलेट्स के बारे में पता चले. संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है. छत्तीसगढ़, जिसे अक्सर 'चावल का कटोरा' (Rice Bowl) कहा जाता है, का उद्देश्य देश का मिलेट्स सेंटर बनना है. 

कलेक्टर ने की थी पहल 
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भीम सिंह नामक अफसर ने इसकी पहल की. उश समय सिंह रायगढ़ के कलेक्टकर थे. उनका कहना है कि मिलेट्स अत्यधिक पौष्टिक होते हैं लेकिन उनकी अनदेखी और उपेक्षा की जाती है. सिंह ने ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से बाजरा, विशेष रूप से रागी के उत्पादन, खरीद और खपत को बढ़ाने के लिए काम किया. 

कैफे के संचालन की प्रमुख रोहिणी पटनायक का कहना है कि इस कैफे से वे न केवल आत्मनिर्भर बन रहे हैं बल्कि लोगों को स्वस्थ भोजन भी उपलब्ध करा रहे हैं. खाने के शौकीन लोग यहां पर मिलेट्स चीला, दोसा, मिलेट्स मोमोज, मिलेट्स पिज्जा, मिलेट मंचूरियन और कोदो बिरयानी जैसे लोकप्रिय व्यंजनों को पसंद करते हैं.