
एक मुर्गी के नाम को लेकर मध्यप्रदेश के हरदा जिले में विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, एक निजी पशुपालन कॉलेज द्वारा जारी किए गए विज्ञापन में मुर्गी की एक प्रजाति का नाम ‘नर्मदा निधि’ बताया गया है. इस नाम को लेकर नर्मदापुरम अंचल में रहने वाले नर्मदीय ब्राह्मण समाज सहित कई हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है.
मामला लाल बहादुर शास्त्री पशुपालन कॉलेज से जुड़ा है. बुधवार को कॉलेज ने अखबार में एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया, जिसमें पोल्ट्री ट्रेनिंग फार्म के तहत मुर्गियों की तीन नस्लों की बिक्री का जिक्र किया गया था. इन प्रजातियों में कड़कनाथ, सोनाली और नर्मदा निधि शामिल थीं. इसी ‘नर्मदा निधि’ नाम को लेकर बवाल खड़ा हो गया.
मां नर्मदा सिर्फ नदी नहीं, हमारी आराध्या हैं
नर्मदीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष अशोक पराशर ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि ‘मां नर्मदा’ हमारे श्रद्धा और आस्था की प्रतीक हैं. वे जीवनदायिनी हैं, देवी के रूप में पूजी जाती हैं. उनके नाम पर मुर्गी की प्रजाति रखना पूरी तरह से अनुचित है और यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है.
नाम बदलने की मांग, नहीं तो आंदोलन की चेतावनी
समाज के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि विज्ञापन से तत्काल यह नाम हटाया जाए और भविष्य में ऐसे किसी नामकरण से परहेज किया जाए. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे.
कॉलेज प्रबंधन ने पल्ला झाड़ा, बोले- हमने नाम नहीं रखा
वहीं, कॉलेज संचालक राजीव खरे ने सफाई देते हुए कहा कि ‘नर्मदा निधि’ नाम का निर्धारण कॉलेज स्तर पर नहीं किया गया है. यह नाम जबलपुर स्थित एक सरकारी कॉलेज द्वारा पहले से दिया गया है, हम तो केवल वही नस्ल बेच रहे हैं जो वहां से उपलब्ध हुई है.
फिलहाल मामला प्रशासन तक पहुंच चुका है और जांच की बात कही जा रही है. वहीं दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर भी इस नामकरण को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कई लोग इसे ‘जबरन विवाद’ बता रहे हैं, तो कई लोग नाम बदलने के पक्ष में हैं.