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Child Barks Instead Of Speaking: कुत्ते बने 8 वर्षीय बच्चे के दोस्त, आज बोलता है केवल उन्हीं की भाषा.. नहीं आते शब्द

थाइलैंड के एक अनोखे मामले में एक बच्चे ने कुत्तों की भाषा को सीख लिया. जिसके बाद अब वह केवल भौंकता है, वह शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता. बता दें कि उसका परिवार नशे की लत का आदि है. हालांकि बच्चे का रेस्कयू करवा लिया गया है और उसे शेल्टर होम भेज दिया गया है.

थाइलैंड में एक घर से एक ऐसे बच्चे का रेस्क्यू किया गया, जो नशे की लत के लोगों के बीच फंसा हुआ था. वह सामाजिक तौर पर भी लोगों के कटा हुआ था. बच्चे की उम्र केवल 8 साल है. जब एक स्कूल प्रिंसिपल और कुछ सामाजिक एक्टिविस्ट ने उसे कुछ कुत्तों के साथ गंदगी में पाया, तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया, जिसके बाद उसका रेस्क्यू किया गया.

क्यों कटा सामाजिक तौर पर
Thaiger की रिपोर्ट के अनुसार बच्चे की मां को नशे की लत थी और वह उसे घर में बंद कर बाहर निकल जाती थी. बाहर वह खाने की खोज में जाती थी. इस दौरान बच्चा अकेला रहता था और कोई उसकी देखभाल करने वाला नहीं होता था. 

जब बच्चे का रेस्क्यू किया गया तो मां और उसके 23 वर्षीय भाई का टेस्ट हुआ. टेस्ट में सामने आया कि दोनों नशे की आदि थे. ऐसे में यह गंभीरता का विषय बन जाता है कि बच्चे की अच्छी परवरिश उस परिवार में किस प्रकार होती.

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कुत्ते बने बच्चे के साथी
बच्चे के परिवार की आसपास में खराब इमेज थी. इसलिए अन्य लोगों के बच्चे उसके साथ नहीं खेलते थे. ऐसे में वह कुछ कुत्तों के साथ रहता और खेलता था. लेकिन उसका कुत्तों के साथ रहना ही भारी पड़ गया. दरअसल इस दौरान वह कुत्तों की नकल उतारता था. नकल उतारते-उतारते वह इस हद तक पहुंच गया कि वह केवल कुत्तों की तरह आवाज़ निकालता था. वह कोई अन्य शब्द नहीं बोलता था.

शिक्षा से रहा दूर
बच्चे को कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिला. जिससे उसका शिक्षा के क्षेत्र में विकास नहीं हो पाया. हालांकि बच्चे की शिक्षा के लिए सरकार की तरफ से एक बार मां को पैसों की मदद मिली थी. लेकिन मां ने बच्चे को केवल 1 दिन ही स्कूल भेजा. मां ने सारे पैसे अपने पास ही रख लिए.

किसने करवाया बच्चे का रेस्कयू
बच्चे के रेस्क्यू के लिए पवीना हॉन्गसकुल फाउंडेशन फॉर चिल्डरन एंड वुमन सामने आया. बच्चे का रेस्क्यू 30 जून को किया गया. फाउंडेशन के हेड, पवीन हॉन्गसकुल, का कहना है कि बच्चा केवल कुत्तों की तरह भौंक रहा था, बात नहीं कर रहा था.

रेस्क्यू के बाद बच्चे को एक शेल्टर होम भेज दिया गया है. जहां उसकी सही देखभाल होगी. पवीना कहते हैं कि बच्चे को अच्छी ज़िंदगी जीने का एक दूसरा मौका मिलेगा, और हम इस बात का खास ख्याल रखेंगे कि उसकी सभी ज़रूरते पूरी हों.