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दिवाली के बाद दिल्ली में सांस लेना मुश्किल, AQI 500 पार, घर के अंदर की हवा को कैसे रखें बेहतर? कौन सा एयर प्यूरीफायर खरीदें?

बाजार में मौजूद सभी प्यूरीफायर असरदार नहीं होते. कई सस्ते और बिना ISI मार्क वाले डिवाइस सिर्फ नाम के लिए होते हैं जिनमें एक पंखे के अलावा कुछ नहीं होता.

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दिवाली बीतते ही दिल्ली-एनसीआर फिर से गैस चैंबर में बदल गया है. दिल्ली का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 500 के पार पहुंच चुका है. आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और गले में खराश जैसी समस्याओं से हर कोई परेशान है. ऐसे में लोग अपने घरों में सेफ रहने के लिए एयर प्यूरीफायर खरीदने लगे हैं. लेकिन क्या ये वाकई प्रदूषण से राहत दिला पाते हैं या सिर्फ डर के नाम पर बेचे जा रहे हैं? आइए समझते हैं कि एयर प्यूरीफायर कैसे काम करते हैं और कौन-सा सही है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाजार में मौजूद सभी प्यूरीफायर असरदार नहीं होते. कई सस्ते और बिना ISI मार्क वाले डिवाइस सिर्फ नाम के लिए होते हैं जिनमें एक पंखे के अलावा कुछ नहीं होता.

कैसे काम करता है एयर प्यूरीफायर?
एयर प्यूरीफायर का काम कमरे की हवा को फिल्टर करना है, न कि उसे पूरी तरह शुद्ध बना देना. इस डिवाइस में एक फैन और फिल्टर सिस्टम होता है. फैन कमरे की हवा को खींचता है और फिल्टर के जरिए धूल, धुआं, परागकण, बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक कणों को रोककर साफ हवा वापस कमरे में भेज देता है.

प्यूरीफायर में चार तरह के फिल्टर लगाए जाते हैं.

  • HEPA फिल्टर- यह सबसे प्रभावी माना जाता है और 0.3 माइक्रोन तक के 99% कणों को हटा सकता है.

  • कार्बन फिल्टर-यह हवा से गंध और गैसों को सोखता है.

  • IONIC जनरेटर- यह आयन बनाकर हवा में मौजूद कणों को नीचे गिरा देता है.

  • UV (अल्ट्रावायलेट) फिल्टर- यह बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीवाणुओं को खत्म करता है.

क्या सच में प्रदूषण से बचाता है एयर प्यूरीफायर?
अगर कमरा बहुत बड़ा है और प्यूरीफायर की CADR कम है, तो हवा को पूरी तरह साफ करना संभव नहीं होता. दिल्ली जैसे प्रदूषित शहर में यह डिवाइस मददगार तो है, लेकिन पूरी तरह से आपकी मदद नहीं कर सकता है. अगर आपके पास ISI मार्क वाला असली एयर प्यूरीफायर है और आप उसका फिल्टर समय-समय पर बदलते हैं, तो यह इनडोर एयर क्वालिटी को काफी हद तक बेहतर बना सकता है. लेकिन अगर आप सस्ते या लोकल डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं, तो वे सिर्फ बिजली खर्च कर रहे हैं हवा नहीं साफ कर रहे.

घर के अंदर की हवा को कैसे रखें बेहतर?

  • सिर्फ एयर प्यूरीफायर लगाना काफी नहीं है, बल्कि घर के अंदर प्रदूषण के सोर्स को भी कम करना जरूरी है.

  • गैस पर खाना बनाते वक्त एग्जॉस्ट फैन का इस्तेमाल करें ताकि धुआं बाहर निकल सके.

  • अगर बाहर की हवा थोड़ी साफ है तो खिड़कियां और दरवाजे खोलकर वेंटिलेशन बनाए रखें.

  • अगरबत्ती, मोमबत्ती या लकड़ी जलाने से बचें, क्योंकि ये घर की हवा को दूषित करते हैं.

  • क्लीनर और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स खरीदते समय ऐसे ब्रांड चुनें जो रासायनिक यौगिकों (VOCs) से मुक्त हों.

सही एयर प्यूरीफायर खरीदते समय ध्यान रखें ये बातें

  • हमेशा ISI या BIS प्रमाणित डिवाइस ही खरीदें.

  • HEPA और कार्बन फिल्टर वाला मॉडल ज्यादा असरदार होता है.

  • CADR रेटिंग और कमरे के आकार के हिसाब से मशीन चुनें.

  • फिल्टर को हर 6-8 महीने में बदलें.

  • मशीन को कमरे के कोने में नहीं, बल्कि खुले हिस्से में रखें ताकि हवा सही से घूम सके.