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Solar Didi Devika Devi: मुजफ्फरपुर की देवकी देवी 150 किसानों के खेतों में पहुंचा रहीं सौर ऊर्जा से पानी, मन की बात में पीएम मोदी ने की सराहना, आप भी जानिए इस सोलर दीदी की संघर्ष से सफलता तक की कहानी

Muzaffarpur: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बोचहा प्रखंड के काकड़ गांव की रहने वाली देविका देवी ने सौर ऊर्जा का उपयोग करके किसानों की सिंचाई समस्या का समाधान किया है. उनके प्रयासों ने न केवल गांव की तस्वीर बदल दी है, बल्कि उन्हें सोलर देवी के नाम से भी पहचान दिलाई है. आइए जानते हैं इस सोलर दीदी की संघर्ष से सफलता तक की कहानी.

Solar Didi Devika Devi Solar Didi Devika Devi
हाइलाइट्स
  • बोचहा प्रखंड के काकड़ गांव की रहने वाली हैं देविका देवी 

  • जीविका परियोजना ने बदली तकदीर

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बोचहा प्रखंड के काकड़ गांव की रहने वाली देविका देवी ने सौर ऊर्जा का उपयोग करके किसानों की सिंचाई समस्या का समाधान किया है. उनके प्रयासों ने न केवल गांव की तस्वीर बदल दी है, बल्कि उन्हें सोलर देवी के नाम से भी पहचान दिलाई है. पहले देविका देवी के लिए घर चलाना मुश्किल था, अब पूरे देश में चर्चा हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात कार्यक्रम में देवकी देवी की सराहना कर चुके हैं.

कभी दो वक्त की रोटी जुटाना भी हो जाता था मुश्किल
देविका देवी के पास खुद की पांच धुर जमीन है, लेकिन वह सोलर दीदी बनने के बाद 25 एकड़ जमीन की पटवन करती हैं. सोलर दीदी योजना से जुड़ने से पहले देवकी देवी  के परिवार का मुश्किल से गुजारा होता था, लेकिन अब वह महीने के 20 से 25 हजार रुपए आसानी से कमा लेती हैं. कभी हालात ऐसे थे कि परिवार को दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो जाता था, लेकिन आज वही देवकी देवी सौर ऊर्जा से सिंचाई कर 150 किसानों की मदद कर रही हैं और खुद भी अच्छी आय अर्जित कर रही हैं. उनकी यह कहानी न सिर्फ आत्मनिर्भरता की मिसाल है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है.

पति की चली गई नौकरी
साल 2022 में देवकी देवी के पति सुनील कुमार सहनी की प्राइवेट नौकरी चली गई. पति पहले बैंक में सफाईकर्मी थे. आगजनी की एक घटना में घर का सारा सामान जल जाने से परिवार गहरे संकट में आ गया. हालात इतने कठिन थे कि कभी सुबह का भोजन मिल जाता, तो शाम की चिंता सताने लगती थी.

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देवकी देवी के नाम का चयन
इसी दौरान देवकी देवी को गांव में चल रही जीविका परियोजना की जानकारी मिली. जीविका से जुड़ने के बाद उन्होंने सौर ऊर्जा सिंचाई पंप लगाने की योजना के बारे में सुना. यह योजना लॉटरी सिस्टम पर आधारित थी और सौभाग्य से देवकी देवी का नाम इसमें चयनित हो गया. उन्हें 1.5 लाख रुपए की सहायता मिली.

नहीं मानी हार
हालांकि शुरुआत में परिवार और आसपास के लोगों ने इस पहल को ठगी समझा और उन्हें पैसा लगाने से मना किया, लेकिन देवकी देवी ने हार नहीं मानी. उन्होंने 10% ब्याज पर कर्ज लेकर सौर पंप लगवाया और काम की शुरुआत की.

मेहनत लाई रंग
आज उनकी मेहनत रंग ला चुकी है. सौर पंप से वे आसपास के 40 एकड़ से अधिक खेतों में सिंचाई करती हैं और करीब 150 किसानों को लाभ पहुंचा रही हैं. खास बात यह है कि जहां डीजल पंप से एक घंटे में 200 रुपए खर्च करने पर मुश्किल से एक कट्ठा खेत सिंचाई हो पाता था, वहीं सोलर पंप से मात्र 100 रुपए में 2 से 3 कट्ठा खेत आसानी से सींचा जा सकता है. इससे किसानों की लागत घटी है और उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है.धीरे-धीरे देवकी देवी की पहचान बढ़ी और गांव के लोग उन्हें ‘सोलर दीदी’ कहकर पुकारने लगे. महिलाएं उनसे सौर पंप की तकनीक और काम करने का तरीका सीखने भी आती हैं.

पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में किया जिक्र
देविका देवी के कार्यों की चर्चा अब स्थानीय स्तर से निकलकर राष्ट्रीय मंच तक पहुंच चुकी है. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 125वें एपिसोड में देवकी देवी के प्रयासों का जिक्र किया और उनकी सराहना की. प्रधानमंत्री ने कहा कि देवकी देवी जैसी महिलाएं ही समाज की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारतीं और नए रास्ते तलाश लेती हैं. प्रधानमंत्री द्वारा ‘मन की बात’ में नाम आने के बाद सोलर दीदी बेहद खुश हैं.

सौर ऊर्जा का महत्व
देविका देवी की कहानी यह दिखाती है कि सौर ऊर्जा जैसे स्थायी संसाधनों का उपयोग ग्रामीण भारत में किस तरह बदलाव ला सकता है. यह न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी सुधारता है. देविका देवी की यह पहल न केवल उनके गांव के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है. उनकी कहानी यह साबित करती है कि सही दिशा में उठाए गए छोटे कदम भी बड़े बदलाव ला सकते हैं.

(मुजफ्फरपुर से मणि भूषण शर्मा की रिपोर्ट)