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Five Herbs for Millionnaires: सोने से भी ज्यादा कीमती हैं ये 5 जड़ी-बूटियां, जानिए इन्हें उगाकर कैसे बन सकते हैं लखपति

इन जड़ी-बूटियों की सबसे खास बात ये है कि छोटे किसान, होम गार्डनिंग वाले लोग या एनआरआई जिनके पास थोड़ी ज़मीन है, वे सभी इन्हें उगाकर कम लागत में हाई वैल्यू इनकम कमा सकते हैं.

Ashwagandha Cultivation Ashwagandha Cultivation

कभी सोचा है कि खेतों में गेहूं-धान के अलावा ऐसी भी चीजें उगाई जा सकती हैं, जिनकी कीमत सोने से ज़्यादा है? हम बात कर रहे हैं ऐसी औषधीय जड़ी-बूटियों (medicinal herbs) की जिन्हें उगाना आसान है, लेकिन बाज़ार में इनकी डिमांड और दाम दोनों हाई हैं. अगर आपके पास खाली ज़मीन है तो इन पांच जड़ी-बूटियों को उगाकर कम लागत में बड़ा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है.

1. केसर (Saffron)

  • मार्केट रेट: 1.5–3 लाख रुपए प्रति किलो
  • केसर को “लाल सोना” कहा जाता है. यह नाम सही भी है क्योंकि इसके एक ग्राम की कीमत कभी-कभी 300 रुपए तक होती है. भारत में केसर मुख्यतः कश्मीर में उगाया जाता है, लेकिन अब अलग-अलग शहरों में एयर-कंडीशन्ड रूम बनाकर लोग इसकी खेती कर रहे हैं. आप भी चाहें तो पॉट या ग्रीनहाउस में केसर की खेती कर सकते हैं.
  • कब उगाएं : केसर के बल्ब (Corms) से खेती की जाती है, जो अगस्त-सितंबर में बोए जाते हैं.
  • जलवायु : या तो ठंडे मौसम में उगाएं, या कंट्रोल्ड टेम्परेचर में.

केसर का इस्तेमाल भोजन में स्वाद, रंग और सुगंध के लिए किया जाता है, साथ ही आयुर्वेदिक उपचारों और पूजा-पाठ में भी इसका बहुत महत्व है.

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2. अश्वगंधा (Ashwagandha) 

  • मार्केट रेट : 80,000–1.2 लाख रुपए प्रति टन (सूखी जड़ें)
  • आयुर्वेद में अश्वगंधा को "Indian Ginseng" कहा गया है. यह शरीर की ताकत बढ़ाता है और तनाव को कम करता है. इसकी डिमांड अमेरिका, यूरोप और चीन में लगातार बढ़ रही है. 
  • कब उगाएं : अक्टूबर-नवंबर में उगाएं. तैयार होने में 5–6 महीने लगेंगे.
  • लागत कम, सिंचाई की ज़रूरत भी सीमित

3. शतावरी (Shatavari) 

  • मार्केट रेट : 1.5–2 लाख रुपए प्रति एकड़
  • शतावरी महिलाओं की हेल्थ के लिए अमृत मानी जाती है. इसकी जड़ें दवा कंपनियां खरीदती हैं और सप्लिमेंट, सिरप, पाउडर बनाते हैं.
  • जलवायु : गर्म और शुष्क इलाके
  • कब उगाएं : अप्रैल-मई में उगाएं. तैयार होने में एक साल लगेगा.
  • एक्सपोर्ट डिमांड : अमेरिका, जापान, जर्मनी

4. स्टीविया (Stevia) 

  • मार्केट रेट : 300–600 रुपए/किलो (सूखे पत्ते)
  • स्टीविया एक प्राकृतिक शुगर रिप्लेसमेंट है. डायबिटीज़ वाले लोग इसे बेहद पसंद करते हैं. इसका इस्तेमाल चाय, कॉफी, मिठाइयों और हेल्थ प्रोडक्ट्स में होता है.
  • कब उगाएं : वसंत ऋतु में, जब पाले का खतरा टल गया हो. कटाई में तीन महीने लगेंगे.
  • कम लागत, बार-बार मुनाफ़ा. बड़ी FMCG कंपनियां खरीदती हैं. 

5. ब्राह्मी (Brahmi) 

  • मार्केट रेट : 100–250 / किलो
  • ब्राह्मी एक दिमाग तेज़ करने वाली औषधि है. स्किन प्रोडक्ट्स, बालों के तेल, और आयुर्वेदिक टॉनिक में इसका भारी इस्तेमाल होता है.
  • कब उगाएं : मध्य जून से जुलाई के बीच.
  • कैसे उगाएं : यह हर्ब पानी वाली या गीली मिट्टी में भी उगती है. कम जगह में भी उगती है. आप चाहें तो गमलों और गार्डन में भी इसे उगा सकते हैं. 

इन जड़ी-बूटियों की सबसे खास बात ये है कि छोटे किसान, होम गार्डनिंग वाले लोग या एनआरआई जिनके पास थोड़ी ज़मीन है, वे सभी इन्हें उगाकर कम लागत में हाई वैल्यू इनकम कमा सकते हैं. आज की खेती सिर्फ धान-गेंहू तक सीमित नहीं रह गई है. अगर आप सोने से ज़्यादा की कीमत वाली चीज़ उगाना चाहते हैं तो जवाब मिट्टी में ही छिपा है.