scorecardresearch

Grow Amla at Home: होम गार्डन में छह स्टेप्स में उगाएं आमला, हरे-हरे फलों से लदा रहेगा पौधा

ग्राफ्टेड आंवला का पौधा 2-3 साल में फल देना शुरू करता है, जबकि बीज से उगाए गए पौधे को 5-6 साल लग सकते हैं. फल सर्दियों (नवंबर-फरवरी) में पकते हैं. पके फलों को तोड़कर ताजा उपयोग करें या सुखाकर आयुर्वेदिक औषधि बनाएं.

Representational Image Representational Image

आंवला उर्फ भारतीय गूसबेरी या अमला एक पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है. यह विटामिन सी का उत्कृष्ट स्रोत है और आयुर्वेद में इसका विशेष महत्व है. होम गार्डन में आंवला उगाना न केवल आसान है, बल्कि यह आपके बगीचे को उपयोगी और सुंदर भी बनाता है. इस लेख में हम आंवला का पौधा उगाने की प्रक्रिया को 500 शब्दों में विस्तार से समझेंगे. 

1. सही समय और जलवायु
आंवला का पौधा उष्ण और उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह विकसित होता है. भारत में इसे उगाने का सबसे अच्छा समय मानसून (जून से सितंबर) है, क्योंकि इस दौरान नमी और तापमान अनुकूल रहते हैं. आंवला 10 डिग्री सेल्सियस से 45 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहन कर सकता है, लेकिन 25-35 डिग्री सेल्सियस इसके लिए आदर्श है.

2. बीज या पौधा प्राप्त करना
आंवला को बीज, कलम (कटिंग), या ग्राफ्टिंग के माध्यम से उगाया जा सकता है. बीज से उगाने के लिए, पके हुए आंवले के फल से बीज निकालें, उन्हें धोकर छाया में सुखाएं. हालांकि, बीज से उगाए गए पौधे को फल देने में 5-6 साल लग सकते हैं. तेज परिणाम के लिए नर्सरी से ग्राफ्टेड आंवला का पौधा खरीदें, जैसे बनारसी, चकैया, या NA-7 जैसी उन्नत किस्में.

3. मिट्टी और गमले का चयन
आंवला विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उग सकता है, लेकिन अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे उपयुक्त है. मिट्टी का पीएच 6.0 से 8.0 होना चाहिए. होम गार्डन के लिए 15-18 इंच गहरा और चौड़ा गमला चुनें, जिसमें जल निकासी के लिए छेद हों. मिट्टी में 50% सामान्य मिट्टी, 30% जैविक खाद (गोबर या कम्पोस्ट), और 20% रेत या कोकोपीट मिलाएं.

सम्बंधित ख़बरें

4. ऐसे बोएं बीज
- बीज को 24-48 घंटे गुनगुने पानी में भिगोएं ताकि अंकुरण तेज हो.
- गमले में तैयार मिट्टी भरें और 1-2 सेंटीमीटर गहराई पर बीज बोएं.
- बीज को हल्की मिट्टी से ढकें और हल्का पानी छिड़कें.
- गमले को ऐसी जगह रखें, जहां सुबह की हल्की धूप और आंशिक छाया मिले.
- 20-30 दिनों में बीज अंकुरित होने लगेंगे.

5. पौधे की देखभाल
- पानी : आंवला के पौधे को नियमित पानी दें, लेकिन जलभराव से बचें. गर्मियों में 2-3 दिन में एक बार और सर्दियों में 5-7 दिन में एक बार पानी पर्याप्त है.
- खाद : हर 3 महीने में जैविक खाद, जैसे गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट, डालें. फलने के दौरान फास्फोरस और पोटैशियम युक्त उर्वरक दे सकते हैं.
- कीट नियंत्रण : आंवला में कीट कम लगते हैं, लेकिन चेपा (एफिड्स) या फल मक्खी दिखने पर नीम तेल का छिड़काव करें.
- छंटाई : पौधे को आकार देने और सूखी टहनियों को हटाने के लिए हल्की छंटाई करें, खासकर सर्दियों में.

6. स्थान और धूप
आंवला का पौधा सूरज की डायरेक्ट रोशनी में अच्छी तरह बढ़ता है. इसे ऐसी जगह रखें, जहां प्रतिदिन 6-8 घंटे धूप मिले. गमले को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना बेहतर है. अगर जमीन पर लगाया है, तो अन्य पेड़ों से उचित दूरी रखें ताकि छाया न पड़े.

7. फल प्राप्ति
ग्राफ्टेड आंवला का पौधा 2-3 साल में फल देना शुरू करता है, जबकि बीज से उगाए गए पौधे को 5-6 साल लग सकते हैं. फल सर्दियों (नवंबर-फरवरी) में पकते हैं. पके फलों को तोड़कर ताजा उपयोग करें या सुखाकर आयुर्वेदिक औषधि बनाएं. होम गार्डन में आंवला उगाना स्वास्थ्य, पर्यावरण, और सौंदर्य के लिए लाभकारी है. सही देखभाल, मिट्टी, और धैर्य के साथ आप इस औषधीय पौधे को आसानी से उगा सकते हैं.