
कई पौधे ऐसे होते हैं जिन्हें एक खास मौसम में ही उगाया जा सकता है. आपको अपना पसंदीदा पौधा उगाने के लिए और उसपर फलों के आने के लिए लंबे वक्त तक इंतज़ार करना पड़ता है. लेकिन नींबू के साथ ऐसा नहीं है. नींबू एक बारामासी पौधा है और इसे साल के किसी भी हिस्से में उगाया जा सकता है. अगर सही एहतियात बरती जाए तो यह पौधा नींबुओं से लदा भी रहेगा. आइए जानते हैं घर पर नींबू का पौधा उगाने का सही तरीका.
किन चीज़ों की होगी ज़रूरत
नींबू का पौधा लगाने के लिए आपको सबसे पहले एक गमले की ज़रूरत होगी. नींबू उगाने के लिए गमले का आकार बहुत मायने रखता है. इसकी वजह यह है कि सब कुछ सही रहने पर नींबू का पौधा भविष्य में काफी बड़ा होगा और उसकी जड़े भी फैलेंगी. इसलिए आपको नींबू का पौधा लगाने के लिए कम से कम 16–18 इंच (40–45 cm) गहरा गमला चाहिए. इसकी चौड़ाई भी कम से कम 16–20 इंच (40–50 cm) होनी चाहिए.
यह गमला मिट्टी का हो तो सबसे अच्छा है. लेकिन ग्रो बैग या सीमेंट के गमले से भी काम चल जाएगा. बस आपको यह सुनिश्चित करना है कि गमले में नीचे 4-5 छोटे-छोटे छेद हों ताकि पानी गमले के अंदर जमा न होता रहे. मिट्टी के ज्यादातर गमले नीचे एक छेद के साथ आते हैं. अगर वह छेद गमले में न हो तो खुद बना लें.
बीज, कटिंग या पौधा?
अकसर पौधे बीज या कटिंग से आसानी से उग जाते हैं. नींबू के साथ ऐसा नहीं है. इसे बीज से उगने में कई महीने लग जाएंगे. जबकि कटिंग से इसे नहीं उगाया जा सकता. बागवानी एक्सपर्ट नयन तिवारी बताते हैं, "आम आदमी के लिए इसे बीज से उगाना बहुत मुश्किल है. उसमें बहुत समय लगेगा. कटिंग से तो इसे उगाया भी नहीं जा सकता. इसे पौध से अपने होम गार्डन में उगाना शुरू करें."
इसलिए अपने होम गार्डन में नींबू लगाने के लिए आप करीब की किसी नर्सरी से एक छोटा सा पौधा ही लेकर आएं और उसे अपने गमले में लगाएं. अगर आप बीज से ही लगाना चाहते हैं तो पहले बीज को एक छोटे से गमले में रखें. किसी प्लास्टिक की कटी हुई बोतल या मग में रखें तो भी काम चल जाएगा. पौधा अंकुरित होने पर आपको इसे बड़े गमले में लगाना होगा.
ऐसे लगाएं पौधा
इन बातों का रखें ध्यान
बागवानी एक्सपर्ट तिवारी बताते हैं कि शुरुआती दिनों में गमले में कार्बनिक पदार्थ बढ़ाना बहुत जरूरी है. गोबर की खाद इस पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छी है. बस ध्यान रहे कि आप सूखे हुए गोबर की खाद डाल रहे हैं. अगर आप इसमें गोबर डाल देते हैं तो उसकी मीथेन गैस से गमले की मिट्टी खराब हो सकती है. अगर गोबर की खाद मौजूद नहीं है तो वर्मीकंपोस्ट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
सवाल आता है कि खाद कब-कब डालनी है? शुरुआती छह महीनों में हर 30-45 दिन में जैविक खाद डालते रहिए. जब पौधा छह महीने से ज्यादा का हो जाए तो हर महीने एक बार खाद डालें. एक साल बाद आपका पौधा पूरी तरह बड़ा हो जाएगा. इसके बाद हर महीने खाद डालें, सिवाए सर्दियों के. यह पौधे के आराम करने का वक्त होता है.
इसके अलावा नींबू की समय-समय पर प्रूनिंग यानी कटाई-छंटाई करते रहें. तिवारी कहते हैं कि पौधे में जब भी सूखी टहनियां दिखें तो उनकी प्रूनिंग कर देनी चाहिए. पौधे की टहनी को हल्का तिरछा काटना चाहिए, ताकि उसपर ग्रोथ बेहतर हो. नींबू की खेती कुछ खास इलाकों में की जाती है लेकिन यह पौधा ऐसा है कि सही देखरेख से इसे आप कहीं भी उगा सकते हैं.
तिवारी कहते हैं, "किसी भी पौधे के लिए चार चीजें सबसे ज्यादा जरूरी होती हैं. हवा, पानी, धूप और खाद. इन चार चीजों का ध्यान रखकर आप पौधा कहीं भी उगा सकते हैं. जब आपके पौधे को सही पोषण मिलेगा तो उसपर नींबू भी रसीले उगेंगे."