scorecardresearch

avocado farming: हर्षित ने यूके में की बिजनेस की पढ़ाई, अब इंडिया में खेती कर कमा रहे लाखों रुपए 

देश में एवाकाडो की फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए 25 साल के युवक हर्षित गोधा ने नई शुरुआत की है. हर्षित यूके से बीबीए की पढ़ाई करने के बाद अपने देश में एवाकाडो की खेती कर लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. पहले लोग तरह-तरह के कमेंट मारते थे, अब मिसाल देते हैं.

हर्षित गोधा. हर्षित गोधा.
हाइलाइट्स
  • एवाकाडो की फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए 25 साल के हर्षित गोधा ने की नई शुरुआत

  • 50 लाख की पूंजी लगाकर इसी साल शुरू की है खेती, एवाकाडो के पौधे पूरे देश में बेच रहे 

एवाकाडो दुनिया के सबसे महंगे फलों में से एक है. प्रीमियम क्वालिटी के एवाकाडो की खेती भारत में न के बराबर होती है. देश में एवाकाडो की फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए 25 साल के युवक हर्षित गोधा ने नई शुरुआत की है. हर्षित यूके से बीबीए की पढ़ाई करने के बाद अपने देश में एवाकाडो की खेती कर लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. हर्षित फिटनेस फ्रीक हैं. यूके में एवाकाडो उनकी रूटीन डाइट का हिस्सा था लेकिन इंडिया में हर्षित को अच्छी क्वालिटी का एवाकाडो नहीं मिलता था. बस हर्षित ने इसी कमी को पूरा करने के लिए एवाकाडो की नर्सरी शुरू कर दी.

एक महीने इजरायल में ली ट्रेनिंग, फ्री में मिली इंटर्नशिप
हर्षित बताते हैं कि एक दिन वह यूके में एवाकाडो खा रहे थे. अचानक उनकी उसके पैकेट पर नजर पड़ी. पैकेट पर लिखा था ये एवाकाडो इजरायल से लाया गया है. हर्षित कहते हैं कि ये बात उन्हें बहुत अजीब लगी कि इजरायल जैसे गर्म देश में अगर एवाकाडो हो सकता है तो हमारे देश में क्यों नहीं. यहीं से उनकी रिसर्च शुरू हुई. हर्षित बताते हैं कि उन्होने इजरायल में बहुत सारे ऐसे लोगों को मेल किया जो एवाकाडो की खेती करते हैं. उनमे से एक ने उनके मेल का जवाब दिया और एक महीने की फ्री ट्रेनिंग के लिए हर्षित को इजरायल बुला लिया.

कभी करोना तो कभी हमस पर हमला
हर्षित बताते हैं कि उन्होने देश में एवाकाडो की फार्मिंग शुरू करने का मन तो बना लिया लेकिन काम शुरू करने के लिए उन्हें दो साल तक इंतजार करना पड़ा. वह कहते हैं कि देश में अच्छी क्वालिटी का एवाकाडो नहीं है इसका मतलब देश में अच्छी क्वालिटी की सीड भी नहीं है. ऐसे में मैने इजरायल से ही प्लांट मंगाने की ठानी. लेकिन इसमे बहुत ज्यादा पेपर वर्क करना पड़ा. हर्षित बताते हैं कि पेपर वर्क कंप्लीट होने के बाद भी दो बार ऐसा हुआ कि उनका काम शुरू होते-होते रूक गया. वह बताते हैं कि पहली बार जब उनके पौधे इजरायल से आने वाले थे तो कोविड आया और दोनों देशों में लॉकडाउन लग गया. दूसरी बार उनके पौधे इजरायल एयरपोर्ट से रवाना होने ही वाले थे कि तभी वहां हमस का हमला हो गया. हर्षित बताते हैं कि ये वो दौर था जब उनके दोस्त अच्छी नौकरी कर रहे थे और मैं काम शुरू होने का इंतजार कर रहा था.

लोगों ने कहा-सिल्वर स्पून वाले खेती कैसे करेंगे
हर्षित बताते हैं कि उनके दादा भोपाल के मशहूर वकील रहे हैं. उनके पिता की गिनती भी शहर के टॉप वकीलों में होती है. बड़ा भाई भी आठ साल से वकालत कर रहा है. मेरे चाचा का कंस्ट्रक्शन का बिजनेस है. परिवार काफी संपन्न है लेकिन यही बात मेरे लिए कभी-कभी नेगटिव रही. जब लोगों को पता लगता कि मैं एवाकाडो की फार्मिंग पर काम कर रहा हूं तो लोग तरह-तरह के कमेंट मारते थे. लोगों ने यहां तक भी कहा कि सिल्वर स्पून वाले खेती कैसे करेंगे, इन्हें कुछ पता भी है! लेकिन मैंने या मेरी फैमली ने कभी ऐसी बातों पर ध्यान नहीं दिया और मैं अपना काम करता रहा.

लड़कियों को बताता हूं कि किसान हूं तो चौंक जाती हैं
हर्षित की उम्र अभी सिर्फ 25 साल है हर्षित बताते हैं कि उनकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है लेकिन जब भी किसी फंक्शन या पार्टी में लड़कियों से मिलते हैं और बताते हैं कि वो फार्मिंग कर रहे हैं तो वो चौंक जाती है, हालांकि जब वो लड़कियों का बताते हैं कि वो एवाकाडो की फार्मिंग कर रहे हैं. इजरायल से ट्रेनिंग लेकर आएं हैं तो उनके रिएक्शन ठीक हो जाते हैं. हर्षित बताते हैं कि एवाकाडो एक फिटनेस फ्रूट है और इसके मार्केंट का बड़ा हिस्सा फीमेल कंज्यूमर हैं. हर्षित का काम इसी साल 2022 में शुरू हो पाया है. लेकिन कुछ ही महीने में हर्षित ने प्रॉफिट कमाना शुरू कर दिया है. हर्षित ने अब एवाकाडो की नर्सरी तैयार की है. यहां से वो एवाकाडो के पौधे पूरे देश में बेच रहे हैं. हर्षित ने इस काम में 50 लाख की पूंजी लगाई थी लेकिन अब तक वो डेढ़ करोड़ से ऊपर की कमाई कर चुकें हैं.