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झुग्गी बस्तियों में रहने वाली इन लड़कियों ने हाईस्कूल में किया कमाल...कोई बीनता है कूड़ा तो किसी के पिता लगाते हैं फेरी

प्रयागराज की मलिन बस्तियों में रहने वाली इन लड़कियों ने हाइस्कूल परीक्षा में कमाल कर दिखाया है. इनमें से कुछ के पिता सड़क पर फेरी लगाते हैं तो कोई कूड़ा बीनने का काम करता है. अपनी मेहनत के दम पर इन लड़कियों ने परीक्षा में बेहतरीन अंक हासिल किए हैं.

Slum area poor girls Slum area poor girls
हाइलाइट्स
  • दोनों बहनों ने पास की परीक्षा

  • कूड़ा बीनने का करती थीं काम

किसी ने सही कहा है, अगर आप अपने जीवन में कुछ करना चाहते हैं तो आपके जीवन में आपकी तकलीफें कभी रोड़ा नहीं बन सकती. कुछ ऐसा ही कमाल प्रयागराज की स्लम बस्तियों में रहने वाली 6 लड़कियां ने करके दिखाया हैं. इन लड़कियों ने इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षा में अच्छे मार्क्स पाकर एग्जाम पास किया है. प्रयागराज की अलग-अलग जगह स्लम बस्तियों में रहने वाली इन 6 लड़कियों की कहानी थोड़ी अलग है क्योंकि इन लोगों के अधिकतर परिवार का जीवन मुफलिसी में गुजरता है. किसी के पिता रिक्शा चलाते हैं तो किसी के पिता सब्जी बेचते हैं. किसी के पिता किसी होटल में काम करते हैं तो किसी के पिता तो कूड़ा बीनने का काम करते हैं. आलम ये है की अगर इन सभी के पिता एक दिन कमाने ना जाए तो इनके घर में खाना नहीं बनता. लेकिन इन लड़कियों ने इस बार अपनी मेहनत के दम पर हाईस्कूल की परीक्षा पास कर ली है. इन सभी बच्चियों का सपना है कि वो अपने परिवार को आर्थिक तंगी से बाहर निकालें और पढ़-लिखकर कुछ बन जाएं. 

दोनों बहनों ने पास की परीक्षा
स्लम बस्ती का नाम लेते ही जीवन में आप को तकलीफों का एहसास हो जाएगा. इन्हीं तकलीफों से गुजरते हुए नंदिनी,कोमल ने इस बार यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा पास की है. ये दोनों बहने कभी कूड़ा बीनने का काम करती थीं. प्रयागराज चुंगी परेड ग्राउंड के पास की बस्ती की रहने वाली दोनों बहनों को जोड़कर इनके परिवार में 5 बहन और दो भाई हैं. हालत ये है कि एक कमरे के अंदर पूरा परिवार सोता है और एक चारपाई पर चार लोग सोते हैं. इनके पिता ट्राली चलाते हैं. मलिन बस्तियों में शिक्षा पर काम करने वाले अभिषेक शुक्ला ने इन दोनों बहनों का एडमिशन स्कूल में करवाया. जिसके बाद ये लड़कियां मन लगाकर पढ़ने लगीं.

इस बार यूपी बोर्ड के हाई स्कूल की परीक्षा में कोमल को 64% और नंदिनी को 62% अंक मिले. ये दोनों बहने भारतीय सेना में जाना चाहती हैं. इनमें से नंदिनी कबड्डी की स्टेट लेवल प्लेयर भी है. नंदिनी को परीक्षा के पहले दिन चिकनपॉक्स हो गया था जिसकी वजह से उसके माता-पिता उसे परीक्षा नहीं देने दे रहे थे. लेकिन नंदिनी में शिक्षा की अलख जगाने वाले अभिषेक शुक्ला के बहुत मनाने पर उन्होंने उसे परीक्षा देने की अनुमति दे दी. इन दोनों की छोटी बहन आज भी भीख मांगने जाती है.

अपने पिता के साथ सना

बस्ती की रहने वाले हर परिवार की अलग कहानी
प्रयागराज की इन मलिन बस्तियों की रहने वाली 6 लड़कियों ने हाईस्कूल में अच्छे मार्क्स पाकर शिक्षा की एक अलख जगाई है. तो वही अब इनके माता-पिता भी अपने बच्चों के अच्छे नंबर लाने पर उत्साहित हैं. इसी तरह स्लम बस्ती की रहने वाली लड़कियों में हाईस्कूल की परीक्षा में सना ने 81 % खुश्बू विश्वकर्मा ने 84%,आंचल ने 80%, खुशबू बानो 70% और सनी केसरवानी ने 71% अंक पाकर यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा पास की. इन सभी लड़कियों की अलग कहानी है. सभी के जीवन में मुफलिसी है. इसी मलिन बस्ती की रहने वाली आंचल के पिता शराब पीने के आदि हैं. आंचल के पिता पेशे से मजदूरी करते हैं. आंचल के पिता रोज शराब पीकर आते थे और इस वजह से वो पढ़ाई नहीं कर पाती थी. आंचल अपने पिता के सोने का इंतजार करती थी ताकि वो पढ़ सके. आंचल पढ़ लिख कर डॉक्टर बनना चाहती है. इसी तरह से सना के अब्बू ट्राली पर फेरी लगाने का काम करते हैं. सना ने इस बार की परीक्षा में 81 प्रतिशत अंक पाए हैं. ये भी डॉक्टर बनना चाहती हैं. 

(प्रयागराज से आनंद राज की रिपोर्ट)