Dal soaking tips (Photo Credit- Unsplash)
Dal soaking tips (Photo Credit- Unsplash) क्या आप भी दाल पकाने से पहले सोचते हैं- “अरे, इसे कितनी देर भिगोना चाहिए?” तो यकीन मानिए, यह सवाल सिर्फ आपका नहीं है, बल्कि हर घर की रसोई का एक बड़ा कन्फ्यूज़न है. दाल हमारे खान-पान का अहम हिस्सा है. प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर दाल को अगर सही तरीके से पकाया जाए तो ये शरीर के लिए सोने पे सुहागा साबित होती है. लेकिन अगर आपने इसे सही समय तक नहीं भिगोया, तो स्वाद और सेहत- दोनों का नुकसान हो सकता है.
दाल भिगोने की जरूरत क्यों है?
वैज्ञानिक तौर पर देखा जाए तो दालों में मौजूद फाइटिक एसिड शरीर में मिनरल्स को अवशोषित होने से रोकता है. भिगोने की प्रक्रिया से यह एसिड कम हो जाता है और दाल आसानी से पचने लगती है. यही नहीं, दाल जल्दी पकती है, गैस कम बनाती है और उसका स्वाद भी दोगुना हो जाता है.
कौन-सी दाल कितनी देर भिगोनी चाहिए?
1. मूंग दाल- इसे ज्यादा देर भिगोने की जरूरत नहीं. सिर्फ 30 मिनट भिगोने से ही ये पकने के लिए तैयार हो जाती है.
2. मसूर दाल- इसे भी 30 मिनट से 1 घंटे भिगोना पर्याप्त है.
3. अरहर (तूर) दाल- स्वादिष्ट लेकिन देर से पकने वाली दाल. इसे कम से कम 2 घंटे भिगोना चाहिए.
4. चना दाल- मोटी और कठोर दाल है. इसे भिगोने के लिए 3 से 4 घंटे का समय दें.
5. काली उड़द दाल (दाल मखनी वाली)- इसको पकाना सबसे मुश्किल होता है. इसे 6 से 8 घंटे या रातभर भिगोना बेहतर रहता है.
6. राजमा और चना (काबुली चना)- भले ही ये दालें नहीं, लेकिन हर घर में बनती हैं. इन्हें रातभर (8 घंटे) भिगोना जरूरी है.
क्या बिना भिगोए दाल पका सकते हैं?
हां, लेकिन तब दाल को पकाने में ज्यादा समय लगेगा और गैस बनने की संभावना भी बढ़ जाएगी. प्रेशर कुकर में भी बिना भिगोई दाल ज़्यादा सीटी मांगती है.
प्रो टिप्स
आखिर क्यों जरूरी है ये आदत?
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग अक्सर सोचते हैं- “सीधे कुकर में डाल दो, भिगोने का झंझट क्यों?” लेकिन याद रखिए, सही समय तक भिगोई गई दाल न सिर्फ जल्दी पकती है बल्कि आपके पेट और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद होती है.