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AC Electricity Bill: कितने पर एसी चलाएं कि बिजली बिल कम आए? एक्सपर्ट्स ने बताई बेस्ट ट्रिक!

अगर आप 18-20 डिग्री की जगह 24-26 डिग्री पर एसी चलाते हैं, तो हर महीने आपके बिजली बिल में 1000 से 1500 रुपये तक की बचत हो सकती है. यानी ठंडी हवा भी मिलेगी और जेब भी हल्की नहीं होगी.

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गर्मी का मौसम आते ही घर-घर में एसी की धड़धड़ आवाज़ सुनाई देने लगती है. लेकिन जितना मजा ठंडी हवा का है, उतना ही डर बिजली बिल का भी होता है. कई लोग तो एसी का रिमोट हाथ में लेते ही सोचने लगते हैं कि आखिर कितने पर एसी चलाएं कि पसीना भी सूख जाए और जेब भी खाली न हो? अगर आप भी यही सवाल बार-बार खुद से पूछते हैं, तो जवाब यहीं है.

एसी चलाने का ‘गोल्डन नंबर’
ऊर्जा मंत्रालय और बिजली विशेषज्ञों के अनुसार, एसी का टेम्परेचर 24 से 26 डिग्री के बीच रखना सबसे सही माना जाता है. यही वह ‘गोल्डन नंबर’ है, जो न सिर्फ आपको ठंडक देता है बल्कि बिजली के बिल में भी 20 से 30 प्रतिशत तक की बचत करा सकता है.

कई लोग सोचते हैं कि 18 या 20 डिग्री पर एसी चलाने से ज्यादा ठंडक मिलेगी. लेकिन हकीकत यह है कि इससे एसी पर दबाव बढ़ता है और बिजली का मीटर तेजी से घूमने लगता है.

क्यों सही है 24-26 डिग्री?

  • कम लोड: इस रेंज पर एसी ज्यादा मेहनत नहीं करता, जिससे बिजली की खपत कम होती है.
  • हेल्थ के लिए बेहतर: अचानक ज्यादा ठंडी हवा शरीर पर हानिकारक असर डाल सकती है, जबकि 24-26 डिग्री बैलेंस्ड रहता है.
  • लंबी उम्र: एसी का कंप्रेसर जल्दी खराब नहीं होता और मशीन लंबे समय तक सही चलती है.

सिर्फ टेम्परेचर ही नहीं, ये ट्रिक्स भी करें अपनाएं

  1. सीलिंग फैन का साथ लें: एसी के साथ पंखा चलाने से हवा का सर्कुलेशन अच्छा होता है और ठंडक जल्दी फैलती है.
  2. कमरे को सील करें: दरवाजे-खिड़कियों से गर्म हवा अंदर न आए, इसके लिए अच्छी सीलिंग रखें.
  3. फिल्टर साफ रखें: गंदे फिल्टर से एसी को ज्यादा पावर लगानी पड़ती है.
  4. टाइमर सेट करें: पूरी रात एसी चलाने के बजाय टाइमर पर सेट करें.

कितनी बचत हो सकती है?
अगर आप 18-20 डिग्री की जगह 24-26 डिग्री पर एसी चलाते हैं, तो हर महीने आपके बिजली बिल में 1000 से 1500 रुपये तक की बचत हो सकती है. यानी ठंडी हवा भी मिलेगी और जेब भी हल्की नहीं होगी.

ऊर्जा मंत्रालय ने भी लोगों से अपील की है कि एसी को 24 डिग्री पर सेट करें. यह न सिर्फ व्यक्तिगत बचत है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर है क्योंकि बिजली की खपत कम होगी.