शहरों की व्यस्त रफ्तार में रोज़ाना ऐसे अनेक डॉग दिख जाते हैं जो चोटिल, भूखे और कठोर परिस्थितियों से जूझते हुए किसी तरह ज़िंदगी काट रहे होते हैं. थोड़ी भी संवेदनशीलता रखने वाला इंसान इस दर्द को देखकर बेचैन हुए बिना नहीं रह सकता. कई लोग पालतू जानवर रखते हैं, लेकिन वह उसे रखने का समय नहीं निकाल पाते.
कुछ दिलदार लोग ऐसे होते हैं जो मोहल्ले के ही किसी बेघर डॉग को अपना लेतें हैं और घर ले आते हैं. अगर आप भी उनमें से एक बनने की सोच रहे हैं, तो सही जानकारी होना बेहद ज़रूरी है.
भारत में करीब 80 लाख से भी ज़्यादा डॉग शेल्टर्स में हैं और एक परिवार का इंतज़ार कर रहे हैं. ऐसे किसी डॉग को अपनाना केवल एक जान बचाना नहीं, बल्कि स्ट्रे डॉग्स की बढ़ती संख्या पर भी नियंत्रण करता है. सड़कों पर रहने वाले जानवर रोज़ाना भूख, बीमारियों और हादसों का शिकार होते हैं. गोद लेना उन्हें ऐसी खतरनाक परिस्थितियों से दूर कर उनकी ज़िंदगी को सुरक्षित बनाता है. इसके साथ-साथ, डॉग बेहतरीन साथी होते हैं.
गोद लेने से पहले पूछें, क्या मैं तैयार हूं?
किसी भी स्ट्रे डॉग को घर लाने से पहले खुद से यह वादा करना ज़रूरी है कि आप उसकी पूरी ज़िम्मेदारी उठाएंगे. इसके लिए रोज़ाना कई छोटे लेकिन महत्वपूर्ण काम करने पड़ते हैं. जैसे समय पर खाना देना, साफ़-सफ़ाई व ग्रूमिंग, प्यार, ध्यान और ट्रेनिंग और नियमित स्वास्थ्य देखभाल.
किस तरह से अपनाए डॉग?
किसी डॉग को सीधे सड़क से घर लाने के बजाय नज़दीकी डॉग शेल्टर का रुख करें. वहां जानवरों की हेल्थ चेकअप होती है और आपको सही मार्गदर्शन भी मिलता है. शेल्टर की प्रक्रियाओं को ध्यान से फॉलो करें. आपको आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ जैसे दस्तावेज देने होंगे, उन्हें वहां जमा करें. डॉग के आने से पहले उसके लिए एक आरामदायक स्पेस तैयार करें. साथ ही खाना, पानी, आरामदायक बेड और बेसिक पेट सप्लाईज़ का इंतज़ाम पहले से कर लें.