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दिमाग को पॉजिटिव और अच्छा सोचने के लिए कैसे मजबूर करें? प्रेमानंद जी महाराज से जानिए

सबसे पहला कदम है नकारात्मक चीजों से दूरी बनाना. सोशल मीडिया पर लगातार बुरी खबरें पढ़ना, अफवाहों में उलझना, या ऐसे लोगों के साथ रहना जो हर बात में शिकायत करते हैं, आपके दिमाग को डिस्टर्ब करता है. इसलिए कोशिश करें कि बह और शाम के समय सुकून देने वाले कंटेंट देखें.

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हाइलाइट्स
  • ज्यादा सोचने से क्या होता है?

  • नकारात्मक सोच को चुनौती दें

हमारे दिमाग में हर वक्त हजारों विचार आते रहते हैं. कुछ विचार हमें ऊर्जा देते हैं, आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करते हैं, जबकि कुछ निराशा और डर की तरफ धकेलते हैं. कई लोगों की तो ये शिकायत रहती है कि उनके दिमाग में सिर्फ निगेटिव बातें ही घर कर जाती हैं. अगर आपके दिमाग की आदतें नकारात्मक होंगी तो जीवन का हर पल स्ट्रेस में गुजरेगा इसलिए समय रहते इसपर कंट्रोल बेहद जरूरी है.

प्रेमानंद महाराज का कहना है कि अगर मन बार-बार किसी चीज में उलझ रहा है, तो इससे छुटकारा पाने का सबसे सरल और असरदार उपाय है मंत्र जप. उनका कहना है कि हर दिन मेडिटेशन और मंत्र जप करने से मन को शांति मिलती है और नकारात्मक विचार अपने आप दूर होने लगते हैं. अगर मन बेचैन हो तो राधा नाम का जप शुरू किया जा सकता है. इस नाम के उच्चारण से तुरंत मानसिक शांति मिलती है और अंदर से सुकून महसूस होता है.

प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि अगर परिवार के सदस्य आपस में बातचीत करें और बातें शेयर करें, इससे न केवल ओवरथिंकिंग दूर होती है बल्कि रिश्ते भी मजबूत बनते हैं. इसके अलावा भी आप कई तरीकों से अपने दिमाग को अच्छा सोचने के लिए मजबूर कर सकते हैं.

खुद को निगेटिव सोच से दूर रखें
सबसे पहला कदम है नकारात्मक चीजों से दूरी बनाना. सोशल मीडिया पर लगातार बुरी खबरें पढ़ना, अफवाहों में उलझना, या ऐसे लोगों के साथ रहना जो हर बात में शिकायत करते हैं, आपके दिमाग को डिस्टर्ब करता है. इसलिए कोशिश करें कि बह और शाम के समय सुकून देने वाले कंटेंट देखें. ऐसी चीजों से खुद को दूर कर लें जो आपके दिमाग का सुकून खा जाती हैं. पॉजिटिव किताबें पढ़ें, अच्छे वीडियो देखें. अपने आसपास ऐसे लोगों को रखें जो ऊर्जा और सकारात्मकता देते हों

खुद से बात करना छोड़ दें
कुछ समय के लिए खुद से बातें करना बंद कर दें. यही आपके मूड और फैसलों को प्रभावित करती हैं. खुद से बातें करने पर इंसान जरूरत से ज्यादा निगेटिव हो जाता है.

 

 

दिमाग को पॉजिटिव बनाने का सबसे असरदार तरीका है छोटे-छोटे लक्ष्य तय करना और उन्हें पूरा करना. जब आप छोटे लक्ष्य पूरे करते हैं, तो आपके दिमाग में हैप्पी हार्मोन रिलीज होता है. इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और आप मुश्किल परिस्थितियों में भी अच्छा सोचने लगते हैं.

आपके पास जो अच्छी चीजें हैं उसे याद करें
रोजाना थोड़ी देर खुद को यह याद दिलाएं कि आपके पास क्या-क्या अच्छी चीजें हैं. चाहे वह परिवार का प्यार हो, दोस्त हों, हेल्थ हो या छोटी-छोटी खुशियां. रिसर्च बताती है कि कृतज्ञता का अभ्यास दिमाग को पॉजिटिव सोचने के लिए मजबूर करता है और तनाव कम करता है.

दिमाग सिर्फ सोच से नहीं, बल्कि शरीर की स्थिति और ब्लड सर्कुलेशन से भी प्रभावित होता है. रोजाना हल्की एक्सरसाइज या योग करें. ध्यान और मेडिटेशन से दिमाग शांत होता है और नकारात्मक विचार कम होते हैं. गहरी सांसें लेने की तकनीक दिमाग में ऑक्सीजन बढ़ाती है और तनाव घटाती है.

अपने इरादों को लिखें
आप जो सोचते हैं, उसे लिखना भी दिमाग को पॉजिटिव बनाने में मदद करता है. डायरी या नोटबुक में अपने दिन के अच्छे अनुभव, सफलताएं और प्रेरक वाक्य लिखें. इसे देखकर दिमाग खुद-ब-खुद सकारात्मक दिशा में काम करने लगता है.

नकारात्मक सोच को चुनौती दें
जब भी कोई नकारात्मक विचार आये, मन में ही सवाल करें, 'क्या यह सच में इतना जरूरी है जितना मैं सोच रहा या रही हूं. इस तरह आप दिमाग को सकारात्मक सोच की ट्रेनिंग दे सकते हैं.