
जयपुर में कारोबारी से 75 लाख के कीमती आभूषण और सोना लूटने वाले डकैतों के साथ ही धोखाधड़ी हो गई. एक शातिर ठग ने 75 लाख के जवाहरात को महज 1 लाख का बताकर डकैतों को ही चूना लगा दिया. हैरानी तो तब हुई जब 6 डकैतों ने मिलकर 1 लाख रूपये की राशि का बंटवारा भी कर लिया लेकिन जब लूटे गए माल की वास्तविक कीमत पता चली तो माथा पकड़ लिया. इसके बाद जब पुलिस ने 3 डकैतों को पकड़ा तो इन्होंने लूट का माल खरीदने वाले को भी सबक सिखाने की ठानी और पुलिस को पुरी आपबीती बता दी. इसके बाद पुलिस ने आरोपी अजय कुमार को भी मुंबई से गिरफ्तार कर लिया.
डकैतों के साथ ही हो गई धोखाधड़ी, 75 लाख के माल के मिले सिर्फ 1 लाख
जयपुर पूर्व पुलिस उपायुक्त तेजस्वनी गौतम ने बताया कि मुल्जिम अजय कुमार नट की उसके पैतृक गांव मुरवारा भरतपुर में तलाश की गयी तो पता चला कि डकैती के आरोपियों की गिरफ्तारी होते ही वह अपने गांव से मुंबई भाग गया. जिसके बाद पुलिस ने निलजे गांव स्टेशन के पास लोढारोड ठाने शहर में एक सोसायटी में मुल्जिम अजय कुमार नट के किराए के फ्लैट पर दबिश देकर उसे व उसके भाई संदीप चौहान को डिटेन किया.
इसके बाद दोनों से पूछताछ की गई तो पुलिस को गुमराह करते हुए अपने द्वारा खरीदा हुआ लूट का माल अपने भाई संतोष को सूपूर्द करने की बात कहता रहा. जिसके संबंध में वह यह तर्क देता रहा कि जैसे ही उसे अखबार के माध्यम से लूट के माल की कीमत 75 लाख रुपये होने की जानकारी हुई तो संतोष द्वारा उसे फोन कर माल को मुम्बई मंगवाकर अपने कब्जे में ले लिया. जिसके बाद पुलिस ने मुख्य सरगना संतोष चौहान के दोनों भाई अजय कुमार व संदीप चौहान को वहां से जयपुर लाकर आमने सामने पूछताछ हुई. तब अजय कुमार नट ने अपना जुर्म कबूल करते हुए अपने फ्लैट में रखना स्वीकार किया.
डकैतों ने 1 लाख रुपये आपस में बांटे, असली कीमत सुनकर उड़े होश
पुलिस पूछताछ में आरोपी अजय ने बताया कि लूट का माल उसने भरतपुर में लिया और बदले में 1 लाख रुपये नगद दिए. जिनका लूट करने वाले 6 बदमाशों द्वारा बराबर बराबर बंटवारा कर लिया था. जबकि हकीकत में उसने वास्तविकता को छुपाते हुए लूटी गई कीमती स्टोन्स की 13 मालाओं को नकली व सोने की अंगूठियों में जड़े हुए रत्नों को भी नकली बताया था. वहीं मात्र 16 कैरेट की शुद्धता वाला सोना बताते हुए मात्र 1 लाख रुपये में खरीद लिया. जबकि लूटे गए सामान की वास्तविक कीमत करीब 75 लाख रुपये थी. जिसमें मंहगे पन्ने व मंहगे स्पीनल की मालाएं व रत्नजड़ित सोने की अंगूठिया शामिल थीं.
डकैतों ने ही खोल दिया राज
दरअसल बीते महीने 3 जून को व्यवसायी बृजमोहन गांधी ने शाम करीब 5.30 अपने ऑफिस जौहरी बाजार से एक कपड़े के बैग में हीरा-पन्ना के जेवरात लेकर अपनी गाड़ी से जा रहा थे. तभी शाम करीब 6 बजे शहर के बीचोबीच एसएमएस अस्पताल से थोड़ा आगे रामसिंह रोड पर पृथ्वीराज टी पाइंट की रेड लाइट पर फिल्मी स्टाइल में दो बाइक सवार बदमाश आए और गाड़ी का शीशा तोड़कर बैग लेकर भाग गए. चोरी हुए बैग में 75 लाख के आभूषण थे, जिसे बदमाश कुछ ही मिनटों में लेकर फरार हो गए. घटना के बाद इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और घटना में प्रयुक्त महाराष्ट के नम्बर की एक स्कूटी को चिन्हित किया गया.
इसके बाद उसके आधार पर भरतपुर के धर्मवीर उर्फ राहुल जाट को उसके गांव अनीपुर से डिटेन कर पूछताछ की गई. हालांकि पुलिस पूछताछ में धर्मवीर ने घटना से इंकार कर दिया गया लेकिन जब उसे उसके फुटेज दिखाए गए तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. आरोपी धर्मवीर ने मुंबई के रहने अपने साथी संतोष सिंह चौहान, विशाल उर्फ बिस्सु, अनिकेत उर्फ लाला, राहूल चौधरी और अरविन्द उर्फ नेता के साथ मिलकर डकैती की योजना बनाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया था.
रिपोर्ट- विशाल शर्मा