
छत्तीसगढ़ में एक दुर्घटना में अपने माता पिता को खोने वाली 10 महीने की बच्ची को रेलवे को अनुकंपा नियुक्ति दी है. इस बच्ची को अनुकंपा नियुक्ति देने की जानकारी अधिकारियों ने दी. उन्होंने बताया कि इस नियुक्ति के बाद वह राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट के लिए काम कर सकती हैं. इसके साथ ही अधिकारियों ने बताया कि इतिहास में पहली बार इस उम्र के बच्चे को अनुकंपा के आधार पर प्रस्ताव दिया गया है.
अधिकारियों ने कहा- बच्ची के उँगलियों के निशान लेने वाला पल दिल दहला देने वाला
एसईसीआर के एक बयान के अनुसार चार जुलाई को चार जुलाई को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर रेलवे मंडल के कार्मिक विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए पंजीकरण किया गया था. इस अनुकंपा नियुक्ति के लिए पंजीकरण करने वाली बच्ची के पिता राजेंद्र कुमार भिलाई में एक रेलवे यार्ड में सहायक के रूप में काम कर रहे थे. जिनकी 1 जून को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. वहीं इस दुर्घटना में उनकी पत्नी की भी मौत हो गई. लेकिन इस हादसे में बच्ची बच गई.
अधिकारियों की तरफ से बताया गया कि जब आधिकारिक पंजीकरण कराने के लिए बच्ची के उँगलियों के निशान लिया गया तो वह रो पड़ी. इतनी छोटी बच्ची के अंगूठे का निशान लेना उनके लिए काफी मुश्किल था. साथ ही उन्होंने बताया कि यह एक दिल दहला देने वाला क्षण था.
क्या है अनुकंपा नियुक्ति
यदि किसी सरकारी कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मौत हो जाती है तो उसके किसी एक आश्रित को नौकरी दी जाती है तो उसे अनुकंपा नियुक्ति कहते है. अनुकंपा नियुक्ति देने के पीछे का उद्देश्य मृतक कर्मचारी के परिवार वालों को तुरंत सहायता प्रदान करना है.
अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के पात्र व्यक्ति को दी जाने वाली सामान्य समय सीमा 5 वर्ष है. वहीं अनुकंपा के आधार पर दी जाने वाली नियुक्ति को लेकर कुछ शर्ते निम्नलिखित है.
अनुकंपा नियुक्ति को 25 साल से अधिक समय होने पर नहीं दिया जाता है.
मृतक कर्मचारी की विधवा या विधुर पुनर्विवाहित न हो.
अनुकंपा नियुक्ति किसी भी समय, परिवार के किसी अन्य सदस्य को नहीं दी गई हो.
अनुकंपा नियुक्ति में केस की परिस्थिति के अनुसार 5 वर्ष की समय-सीमा की छूट अनिवार्य है.