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टीचर ने स्विमसूट में पोस्ट की Instagram पर फोटो तो यूनिवर्सिटी ने मांगा इस्तीफा, 99 करोड़ रुपए मांगे बतौर मुआवजा

कोलकाता में एक यूनिवर्सिटी ने एक महिला टीचर से उनकी पर्सनल इंस्टाग्राम पोस्ट को लेकर पहले इस्तीफा मांगा और अब माफीनामा देने व बतौर मुआवजा 99 करोड़ रुपए का भुगतान करने की मांग की है.

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हाइलाइट्स
  • सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी का है मामला

  • टीचर ने अपने घर पर स्विमसूट में पोस्ट की थी फोटो

कई बार सोशल मीडिया पर लोगों के पोस्ट चर्चा का विषय बन जाते हैं. लेकिन किसी के लिए अपनी तस्वीर पोस्ट करना नौकरी जाने की वजह बन जाए तो यह हैरत की बात होगी. जी हां. कोलकाता में पिछले साल अक्टूबर में एक ऐसा ही मामला सामने आया था. दरअसल, एक महिला टीचर को इसलिए इस्तीफा देने के लिए कहा गया क्योंकि उन्होंने अपने घर पर स्विमसूट में एक फोटो इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दी थी. 

मामला सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी का है. यूनिवर्सिटी ने अपनी एक शिक्षिका को उनकी इंस्टाग्राम पोस्ट के कारण इस्तीफा देने के लिए कहा. जिसके बाद इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई. 

अदालत तक पहुंचा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मुद्दा अब अदालत तक जा पहुंचा है. हालांकि, उपल चक्रवर्ती अब प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी में पढ़ा रही हैं. उनका कहना है कि वह इस महीने कलकत्ता हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर करेगी. क्योंकि, सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी की मांग है कि उपल माफी मांगे और संस्थान की प्रतिष्ठा को "भारी और अपूरणीय क्षति" के लिए मुआवजे में 99 करोड़ रुपये का भुगतान करें. 

यह मामला अक्टूबर 2021 का है, जब एक छात्र के अभिभावक ने उपल की तस्वीरों के बारे में शिकायत की. जिसके बाद उसे वीसी के कार्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. उपल का कहना है कि शिकायत की कॉपी उन्हें नहीं दी गई और उनसे कॉलेज छोड़ने के लिए कहा गया. 

शिक्षिका ने की शिकायत
इसके बाद उपल ने जादवपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई. साथ ही, एक दूसरी पुलिस शिकायत भी उन्होंने दर्ज की, जिसमें इस बात की जांच की मांग की गई कि कैसे इंस्टाग्राम पर उसकी पोस्ट, जो केवल उसके करीबी दोस्तों के ग्रुप के लिए थी, वह किसी तीसरे व्यक्ति को लीक कर दी गई.

उनका कहना है कि यह पता लगाना जरूरी है कि क्या उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के कारण उनकी टीचिंग या प्रोफेशनल काम किसी भी कारण प्रभावित हुआ है. अगर नहीं, तो सोशल मीडिया की पोस्ट को उनकी प्रोफेशनल ड्यूटी से जोड़ना उचित नहीं है.