
कहते हैं कि हर धर्म और जात-पात से बड़ा होता है प्रेम और सद्भाव. और ओडिशा के गंगराज ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले तेंतुलीडिंगा गांव इस प्रेम और सद्भावना का उदाहरण है. इस गांव में पिछले कई सालों से एक मुस्लिम शख्स दुर्गा पूजा का नेतृत्व करता आ रहा है.
जी हां, 74 साल के कोहिनूर इस्लाम 37 सालों से अपने गांव में दुर्गा पूजा उत्सव करवाते आ रहे हैं. सबसे दिलचस्प बात यह है कि गांव में दुर्गा पूजा की शुरूआत उन्होंने ही की थी.
500 सदस्यों की है समिति
1986 में, गाँव की महिलाओं को दुर्गा पूजा में भाग लेने के लिए बारीपदा शहर जाते हुए देखकर, कोहिनूर को अपने गांव मेंही उत्सव शुरू करने का विचार आया. उन्होंने ग्रामीणों के साथ अपना सुझाव साझा किया, तो वे उनके प्रस्ताव पर सहमत हो गए.
इसके बाद, स्थानीय लोगों से पैसे इकट्ठा करके तेंतुलीडिंगा दुर्गा पूजा समिति की स्थापना की गई. तब से कहिनूर करीब 500 सदस्यों के साथ समिति प्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. उनकी दो बेटियां, ताहा परवीन और जोहा भी लगातार इस समिति को चलाने के लिए उनकी आर्थिक मदद करती हैं.
हर समुदाय के लोग मिलकर मनाते हैं उत्सव
तेंतुलीडिंगा में उत्सव की सबसे खास बात यह है कि सभी समुदायों के लोग समिति को सुचारू रूप से चलाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं. और सब मिलकर उत्सव मनाते हैं. अनुष्ठान समाप्त होने के बाद, गांव में रहने वाले सभी समुदायों के लोगों को प्रसाद बांटा जाता है.