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Flight Delay: फ्लाइट में 14 घंटे की हुई देरी, रिफ्रेशमेंट के नाम पर परोसा केवल एक बर्गर... उपभोगता ने घसीटा कोर्ट में

मुंबई उपभोक्ता आयोग ने 14 घंटे की देरी और सिर्फ़ बर्गर-फ्राइज़ देने पर स्पाइसजेट को यात्री को 55,000 रुपये मुआवज़ा देने का आदेश दिया.

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मुंबई उपनगरीय ज़िला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने स्पाइसजेट को एक यात्री को 55,000 रुपए मुआवज़ा देने का आदेश दिया है. मामला जुलाई 2024 का है, जब दुबई से मुंबई आने वाली फ्लाइट करीब 14 घंटे तक लेट रही और यात्रियों को फ्री मील के नाम पर सिर्फ़ "एक बर्गर और फ्राइज़" उपलब्ध कराए गए.

यात्रियों की देखभाल से पीछे नहीं हट सकती एयरलाइन
आयोग के अध्यक्ष प्रदीप काडू और सदस्य गौरी एम. कापसे ने कहा कि तकनीकी खराबी के चलते भले ही फ्लाइट में देरी हुई हो, लेकिन इससे एयरलाइन अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती. यात्रियों की पूरी देखभाल करना और उन्हें समय-समय पर जानकारी देना एयरलाइन की ड्यूटी है.

"सिर्फ़ बर्गर-फ्राइज़ नाकाफी"
आयोग ने स्पष्ट किया कि इतने लंबे इंतज़ार के दौरान यात्रियों को भोजन, पानी, रिफ्रेशमेंट और आराम की जगह उपलब्ध कराना ज़रूरी है. मगर यहां यात्रियों को केवल एक बार बर्गर और फ्राइज़ दिए गए, जो 14 घंटे की देरी के लिए बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं थे.

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DGCA गाइडलाइंस का उल्लंघन
शिकायतकर्ता ने आयोग में दलील दी कि यह व्यवस्था डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की गाइडलाइंस का उल्लंघन है. सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (CAR) के मुताबिक, लंबी देरी होने पर एयरलाइंस को यात्रियों को पर्याप्त भोजन और ज़रूरत पड़ने पर होटल की सुविधा भी देनी होती है.

एयरलाइन की दलील खारिज
स्पाइसजेट ने आयोग के सामने कहा कि देरी "ऑपरेशनल और तकनीकी कारणों" से हुई, जो उनके नियंत्रण से बाहर थे. लेकिन आयोग ने माना कि एयरलाइन इस दावे को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी.

मुआवज़ा घटाकर 55,000 तय
यात्री ने कुल 4 लाख रुपए का मुआवज़ा मांगा था, लेकिन आयोग ने कहा कि इसके समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया गया. इसलिए आयोग ने फैसला सुनाते हुए यात्री को 50,000 रुपए मानसिक पीड़ा और खर्चों के लिए तथा 5,000 रुपये मुकदमेबाज़ी की लागत के लिए देने का आदेश दिया.