
मंदसौर के जिला कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान एक अनोखा नजारा देखने को मिला. दलोदा तहसील के लाला खेड़ा गांव के निवासी पन्नालाल सेन पूरे शरीर पर केले के पत्ते लपेटकर अपनी शिकायत लेकर पहुंचे. यह कोई मजाक या नाटक नहीं था, बल्कि एक आम नागरिक की सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से बचाने की जिद और हिम्मत थी. पन्नालाल का यह अनोखा प्रदर्शन न केवल प्रशासन का ध्यान खींचने में कामयाब रहा, बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया.
पन्नालाल सेन की लड़ाई
पन्नालाल सेन एक साधारण किसान हैं, जो न तो कोई जनप्रतिनिधि हैं और न ही कोई बड़ा अधिकारी. फिर भी, उन्होंने अपने गांव की सरकारी जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे के खिलाफ आवाज उठाई. पन्नालाल का कहना है कि उन्होंने एक साल पहले इस मामले में शिकायत दर्ज की थी, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. उनके मुताबिक, गांव की शासकीय जमीन पर एक निजी धर्मशाला बन चुकी है, जो सार्वजनिक उपयोग के लिए थी. यह जमीन गांव के हित में इस्तेमाल होनी चाहिए थी, लेकिन अवैध कब्जे के कारण इसका दुरुपयोग हो रहा है.
पन्नालाल बताते हैं, “मैंने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. मजबूरी में मुझे यह अनोखा तरीका अपनाना पड़ा.” केले के पत्तों में लिपटकर कलेक्ट्रेट पहुंचने का उनका यह कदम उनकी व्यथा और हताशा को दर्शाता है. वे अपनी जेब से खर्च करके, बार-बार प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं, ताकि सरकारी जमीन को अतिक्रमण से बचाया जा सके. जहां एक ओर लोग सरकारी संपत्ति हड़पने में लगे हैं, वहीं पन्नालाल जैसे लोग सरकार को उसका हक दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
प्रशासन का जवाब क्या रहा?
इस मामले में दलोदा के SDM शिवलाल शाक्य ने बताया कि पन्नालाल की शिकायत पर पहले से ही शासकीय आदेश जारी हो चुके हैं और मामला शासन के अधीन है. उन्होंने कहा, “यह मामला पहले से चल रहा था, और हम इसे गंभीरता से देख रहे हैं.” हालांकि, पन्नालाल का कहना है कि आदेशों के बावजूद जमीन पर अवैध कब्जा अब भी बना हुआ है, और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
पन्नालाल का यह प्रदर्शन प्रशासन के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या उनकी शिकायत पर अब गंभीरता से कार्रवाई होगी, या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा. पन्नालाल की इस ईमानदार कोशिश ने न केवल अधिकारियों का ध्यान खींचा, बल्कि आम लोगों को भी यह सोचने पर मजबूर किया कि सरकारी जमीन को बचाने के लिए एक आम नागरिक को इतना बड़ा कदम उठाना पड़ रहा है.
क्यों है यह प्रदर्शन खास?
पन्नालाल सेन का केले के पत्तों में लिपटकर कलेक्ट्रेट पहुंचना सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक आम नागरिक की हिम्मत और जज्बे की मिसाल है. यह घटना दर्शाती है कि जब प्रशासन अपनी जिम्मेदारी न निभाए, तो लोग अपने हक के लिए कितने अनोखे तरीके अपना सकते हैं. मंदसौर जैसे छोटे शहर में यह प्रदर्शन स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में पन्नालाल को केले के पत्तों में लिपटे हुए देखकर लोग उनकी हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं.
यह प्रदर्शन न केवल सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की समस्या को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि एक आम आदमी अपनी बात को मनवाने के लिए कितना कुछ कर सकता है. पन्नालाल की यह कोशिश उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपने हक के लिए लड़ना चाहते हैं, लेकिन सिस्टम की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं.
(आकाश चौहान की रिपोर्ट)