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IIT Kanpur: क्या हुआ जब असली कुत्ते के सामने आ गया Robot Dog, देखिए मजेदार वीडियो

आईआईटी कानपुर ने एक बेहतरीन अविष्कार किया है. इन्होंने एक ऐसा रोबेट तैयार किया है जो एकदम कुत्ते जैसा दिखता है और हरकतें भी कुत्ते जैसी करता है. Techkriti एक ऐसा फेस्टिवल है जहां टॉप टैलेंट्स अपनी क्रिएटिविटी और टेक्निकल समझ को प्रदर्शित करते हैं.

Screenshot from Viral Video Screenshot from Viral Video

रोबोट अब धीरे-धीरे आम जिंदगी का हिस्सा होते जा रहे हैं. इसको लेकर लगातार टेक्नोलॉजी में सुधार किया जा रहा है.ऐसे में रोबोट का सामना असली जीव से होता है तो कई बार दृश्य देखने लायक होता है. ऐसे ही एक रोबोट कुत्ते के साथ आवारा कुत्ते की चंचल बातचीत और हरकते को कैद करने वाले वीडियो ने इंटरनेट पर तहलका मचा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ये वीडियो आईआईटी कानपुर Techkriti Festival का है,जो एक वार्षिक तकनीकी उत्सव है. यह उत्सव प्रतिभाशाली दिमागों को उनकी तकनीकी कौशल और नवीन रचनाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक साथ लाने के लिए मनाया जाता है.

किसने बनाया रोबोटिक डॉग
इस विडियो को मक्स रोबोटिक के फाउंडर और सीईओ मुकेश बांगर ने अपने सोशल मीडिया पर अपलोड किया है. मुकेश की कंपनी ने ही ये आधुनिक रोबोटिक डॉग का आविष्कार किया है. जिसका नाम Muks Robotics है. इंस्टा बायो के अनुसार मुकेश इस कंपनी के CEO हैं. डॉ. मुकेश बांगड़ ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, "रोबोट कुत्ते बनाम असली कुत्ते के साथ मजेदार घटना घटी."वीडियो में एक आवारा कुत्ता रोबोट कुत्ते के पास आता दिख रहा है.असली कुत्ता रोबोट को बड़ी ही उत्सुकता और सावधानीपूर्वक देखता है और उसकी गतिविधियों को समझने की कोशिश करते देखा जा सकता है. जैसे ही वह ऐसा कर रहा होता है,दो अन्य कुत्ते भी रोबोट के पास आते हैं और उसकी उपस्थिति से हैरान हो जाते हैं. इसके बाद रोबोट जमीन पर गिर जाता है.

लोगों ने किए मजेदार कमेंट
यह रोबोटिक डॉग असली कुत्ते की तरह ये चार पांव चलाता है और फिर असली कुत्ते की तरह ही पीठ पर लेट जाता है.वहीं सोशल मीडिया पर लोग इस रोबोट को देखकर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं.किसी ने इस रोबोट को टर्मिनेटर मूवी वाले डॉग से कंपेयर किया.तो वहीं कई लोगों ने इसे बेहतरीन आविष्कार बताया, तो किसी ने कहा कि ये डिजाइन कॉपी किया गया है.फिलहाल वीडियो इस बात का एक सुंदर उदाहरण है कि कैसे तकनीक हमें जीवन की सरल खुशियों को समझने और सराहने के करीब ला सकती है. इसके साथ ही ये सजीव और निर्जीव वस्तुओं के बीच के अंतर को भी पाट सकती है.
  (सिमर चावला की रिपोर्ट)