

कोटा संभाग के झालावाड़ जिले में स्कूल हादसे के बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्कूलों की जर्जर बिल्डिंग को ठीक करवाने की मांग उठने लगी है. कोटा में कांग्रेस महासचिव राखी गौतम की अगवाई में कार्यकर्ताओं ने श्रीनाथपुरम स्थित सरकारी स्कूल में बच्चों को हेलमेट बांटे. ये हेलमेट केवल इसलिए बांटे गए हैं ताकि वह इन्हें पहने जिससे स्कूल में बैठने के दौरान खस्ताहाल बिल्डिंग से उनके सिर पर चोट न लगे.
खस्ताहाल बिल्डिंग का बताया हाल
कांग्रेस महासचिव राखी गौतम ने कहा कि ये स्कूल 12 वीं तक है. स्कूल की बिल्डिंग खस्ताहाल है. एक कमरे को तो बंद कर रखा गया है. यहां प्लास्टर गिर रहा है, सरिए निकल रहे हैं. यहां झालावाड़ जैसा हादसा न हो इसलिए सांकेतिक रूप से सरकार को चेताया है और बच्चों को हेलमेट बांटे गए हैं. ताकि हादसा होने की स्थिति में बच्चों के सिर पर चोट नहीं लगे.
स्कूल बिल्डिंग की हालत खराब है हमारे छोटे-छोटे मासूम बच्चे स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. स्कूल की बिल्डिंग की खराब हालत को देखने के बावजूद भी सरकार सो रही है. दुख की बात है कि शिक्षा मंत्री कोटा से हैं और वो झालावाड़ हादसे के बाद ऐसा बयान दे रहे हैं कि' मैं अपनी जेब से पैसा दूं क्या". जबकि ऐसी स्थिति में स्कूली बच्चों के साथ खिलवाड़ होता है तो जेब से भी पैसे देने पड़े तो देने चाहिए.
सरकार को देना चाहिए इस्तीफा
झालावाड़ हादसे के बाद भी सरकार कोई ऐसा काम नहीं कर रही है जिससे मैसेज जाए कि हमने बच्चों के लिए कुछ किया है. सरकार फिजूल खर्च कर रही है, उसे चिकित्सा और शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए. हेलमेट बांटना केवल सांकेतिक प्रदर्शन है. स्कूल का प्लास्टर गिर रहा है, सरिए दिखाई दे रहे हैं.
झालावाड़ जैसी घटना अगर यहां होती है तो कम से कम सिर पर चोट नहीं आएगी. बच्चों के हाथ पैर में लगने पर क्षतिपूर्ति हो सकती है. लेकिन सिर में लगने की क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती. हमने आज सांकेतिक रूप से हेलमेट बांटकर सरकार को चेताया है, तुरंत एक्शन ले, बच्चों की रक्षा की जिम्मेदारी ले, अगर बच्चों की जिम्मेदारी नहीं लें सकती तो इस्तीफा दे देना चाहिए.
-चेतन गुर्जर की रिपोर्ट