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प्रेरक: स्कूल में कभी 39% से पास… फिर 13 विषयों से निकाला UGC-NET... पढ़िए, डॉ. लक्ष्मण सिंह की अद्भुत कहानी

डॉ. लक्ष्मण कहते हैं कि स्कूल में फेल होना या कम नंबर आना अंत नहीं है. उन्होंने साबित कर दिया कि अगर सोच मजबूत हो, तो कोई भी मुकाम नामुमकिन नहीं होता. उनकी कहानी हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है, जो खुद को कभी कमजोर या असफल समझता है.

Dr. Laxman Singh education journey Dr. Laxman Singh education journey

जब कोई कहता है कि असफलता अंत नहीं बल्कि एक नई शुरुआत है, तो इसका जीता-जागता उदाहरण हैं डॉ. लक्ष्मण सिंह. एक ऐसा नाम, जिसने शिक्षा के क्षेत्र में वो कर दिखाया है, जो आम इंसान सोच भी नहीं सकता.

स्कूल में कभी 39% से पास… अब देश के सबसे पढ़े-लिखे इंसान!
मुज़फ्फरनगर से आने वाले डॉ. लक्ष्मण सिंह कभी स्कूल में 39% नंबर लाकर पास हुए थे. ग्रैजुएशन में 5 बार फेल हुए, तीन बार यूनिवर्सिटी बदली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. आज उनकी पहचान भारत के सबसे ज्यादा UGC-NET क्लियर करने वाले व्यक्ति के रूप में होती है.

उन्होंने 13 अलग-अलग विषयों में UGC-NET परीक्षा पास की है- जिनमें पॉलिटिकल साइंस, आर्कियोलॉजी, डांस, ड्रामा, इंडियन कल्चर, तुलनात्मक धर्म, जैन स्टडीज़ जैसे कठिन और विविध विषय शामिल हैं.

इनमें से कुछ विषय ऐसे हैं, जिनके नाम तक बहुत से लोग नहीं जानते.

33 JNU एंट्रेंस एग्जाम पास, दर्जनों रिसर्च पेपर
इतना ही नहीं, डॉ. लक्ष्मण सिंह ने JNU (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) की 33 अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं पास की हैं. वे एक शोधकर्ता (Researcher) हैं, जिनके नाम पर दर्जनों अकादमिक शोध पत्र दर्ज हैं. उन्होंने ईरान जाकर सूफी, सबाई और पारसी धर्मों पर गहरा रिसर्च किया है.

शिक्षा के साथ-साथ एडवेंचर और सामाजिक कार्य

लक्ष्मण सिंह की उपलब्धियां सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं हैं.

  • उन्होंने मोटरसाइकिल रेसिंग,
  • पॉवरलिफ्टिंग,
  • सामाजिक आंदोलनों में भी भाग लिया है.
  • उन्होंने सेक्स वर्कर्स के अधिकारों की लड़ाई लड़ी और हाशिए पर खड़े लोगों के लिए काम किया.

उनका मानना है, "ज्ञान का मतलब सिर्फ डिग्रियों से नहीं होता, अगर वह समाज में बदलाव नहीं ला सके तो वह अधूरा है."

सोच बदलो, सिस्टम खुद बदलेगा
डॉ. लक्ष्मण कहते हैं कि स्कूल में फेल होना या कम नंबर आना अंत नहीं है. उन्होंने साबित कर दिया कि अगर सोच मजबूत हो, तो कोई भी मुकाम नामुमकिन नहीं होता. उनकी कहानी हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है, जो खुद को कभी कमजोर या असफल समझता है. उन्होंने दिखाया कि संघर्ष, समर्पण और निरंतरता से हर बाधा को पार किया जा सकता है.

(मनीषा की रिपोर्ट)