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चोरी छुपे दो और घरों में काम कर रही थी मेड, कोर्ट ने लगाया 9 लाख का जुर्माना

सिंगापुर की कोर्ट ने 53 साल की मेड पिडो एरलिंडा ओकाम्पो पर लगभग 8.8 लाख का भारी जुर्माना लगाया है. मेड पर मून लाइटिंग का आरोप है. यानी अपनी जॉब के अलावा वो दूसरों के घरों में भी पार्ट-टाइम क्लीनिंग कर रही थी.

Singapore Fines maid/Unsplash Singapore Fines maid/Unsplash
हाइलाइट्स
  • सिंगापुर में मेड ने गुपचुप की पार्ट-टाइम नौकरी

  • कोर्ट ने लगाया भारी जुर्माना

सिंगापुर की कोर्ट ने 53 साल की मेड पिडो एरलिंडा ओकाम्पो पर लगभग 8.8 लाख का भारी जुर्माना लगाया है. मेड पर मून लाइटिंग का आरोप है. यानी अपनी जॉब के अलावा वो दूसरों के घरों में भी पार्ट-टाइम क्लीनिंग कर रही थी. यही नहीं, जिस महिला ने उसे गुपचुप नौकरी पर रखा था उसे भी 7,000 सिंगापुर डॉलर का दंड देना पड़ा.

दो और लोगों के घरों में करती थीं सफाई
ओकाम्पो ने अपनी आधिकारिक नौकरी के अलावा दो और लोगों के घरों में सफाई का काम किया. हैरानी की बात ये रही कि इन कामों के बारे में उसने कभी भी अपने वैध नियोक्ता को नहीं बताया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह सो के घर में करीब चार साल तक सफाई का काम करती रहीं.

हर महीने ऐसे कमाती थीं एक्स्ट्रा इनकम
सो के घर से उन्हें हर महीने करीब S$375 (लगभग 25,000) और दूसरे के घरों से S$450 (लगभग 30,000) मिलते थे. जबकि सिंगापुर के नियमों के अनुसार, विदेशी मेड्स को किसी भी तरह की दूसरी नौकरी करने की इजाजत नहीं होती यहां तक कि छुट्टी के दिन भी नहीं.

कानून तोड़ने पर बड़ा जुर्माना
ओकाम्पो को Employment of Foreign Manpower Act का उल्लंघन करने पर MOM (Ministry of Manpower) ने जांच के बाद जुर्माना लगाया. इतना ही नहीं, जिन लोगों ने उसे अवैध रूप से काम पर रखा था, उन पर भी कार्रवाई हुई. सो ओई बेक पर S$7,000 (4.7 लाख) का जुर्माना लगाया गया. रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि सो ने ओकाम्पो को एक दूसरे अवैध नियोक्ता से भी मिलवाया, जहां उसने और भी एक्स्ट्रा काम किया.

कानून तोड़ने वालों पर सिंगापुर की सख्ती
सिंगापुर में अगर कोई विदेशी वर्कर अवैध रूप से काम करता है तो उस पर S$20,000 (13 लाख) तक का जुर्माना या दो साल तक की जेल हो सकती है. वहीं जो ऐसे वर्करों को काम पर रखते हैं, उन्हें S$5,000 से S$30,000 तक का जुर्माना और एक साल की जेल या दोनों हो सकते हैं. सिंगापुर के Ministry of Manpower ने साफ कहा है कि विदेशी कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं दोनों के लिए कानून का पालन अनिवार्य है.