
बिहार में देश का पहला बीज जीन बैंक खुला है. यह बीज जीन बैंक सबौर के बिहार कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित किया गया है. इस जीन बैंक में 1500 से ज्यादा बीजों के सैंपल रखे गए हैं. इसका लक्ष्य 10 हजार से अधिक बीजों को सहेज कर रखने का है. इस बैंक में 50 साल पुराने बीज हैं, जिसपर वैज्ञान रिसर्च करेंगे.
देश का पहला बीज जीन बैंक-
देश का पहला बीज जीन बैंक बिहार के भागलपुर में बिहार कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित किया गया है. इस बैंक में 1500 से ज्यादा बीजों को संरक्षित किया गया है. विश्वविद्यालय के कुलपति डीआर सिंह ने बताया कि यह जीन बैंक तरह-तरह के बीजों के संरक्षण और विकास के लिए काम कर रही है. उन्होंने बताया कि इस बैंक को स्थापित करने का मकसद बीजों को संरक्षण और संग्रह करना है. इसके अलावा बीजों की गुणवत्ता में सुधार करना और नई किस्मों का विकास करना भी शामिल है.
50 साल पुराने बीज पर शोध करेंगे वैज्ञानिक-
इस बीज जीन बैंक में 50 साल पुराने बीज हैं. इन बीजों विश्विविद्यालय के वैज्ञानिक रिसर्च करेंगे और नई वैराइटी तैयार करेंगे. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्वविद्यालय के कुलपति डीआर सिंह ने कहा कि इस जीन बैंक से उस समय मदद मिलेगी, जब बिहार में कोई आपदा आएगी. आपदा में भी किसानों को बीज की कमी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि सभी बीजों पर डीएनए बारकोड लगाए गए हैं. जिससे इन बीजों की जीनोटाइप की जानकारी हासिल की जा सकती है. डीएनए बारकोडिंग तकनीक की मदद से बीजों की प्रजातियों की पहचान हो सकेगी.
28 साल तक सेफ रहेंगे बीज-
दुनिया में जैव विविधता को संरक्षित करने और समझने के लिए डीएनए बारकोडिंग का इस्तेमाल हो रहा है. इसी तर्ज पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने भी देशभर से पारंपरिक बीजों को बचाने की जिम्मेदारी ली है और इसके लिए एक मॉडल जीनोम क्लब भी स्थापित किया गया है. इस जीन बैंक में बीज 28 साल तक सुरक्षित रखे जाएंगे. पर्यावरण अनुकूल खेती और पौधों की जैव विविधता के लिए इनको बचाना जरूरी है. देशी बीज लगातार कम हो रहे हैं, इसलिए जीन बैंकी स्थापित किया गया है.
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