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Tips for Growing Matar at Home: घर पर ऐसे लगाएं हरी मटर, ठंड में नहीं पड़ेगी खरीदने की जरूरत

मटर ठंड की फसल है. इसलिए सितंबर, अक्टूबर से दिसंबर के बीच इसका बीज बोना सबसे सही माना जाता है. इससे पौधा अच्छे से बढ़ता है और फसल जल्दी तैयार होती है.

हरी मटर उगाना बेहद आसान है (सांकेतिक फोटो) हरी मटर उगाना बेहद आसान है (सांकेतिक फोटो)
हाइलाइट्स
  • घर में किन चीजों में लगा सकते हैं मटर

  • मटर को पानी और धूप कितनी जरूरी?

गरम-गरम आलू-मटर की सब्ज़ी हो या फिर मटर पुलाव बनाने हो, हरी मटर हर रसोई की शान होती है और मजे की बात ये है कि इसे उगाना भी आसान है. अब बाजार से मटर लाने की झंझट नहीं, क्योंकि आप इसे अपने घर की बालकनी, छत या आंगन में बड़ी आसानी से उगा सकते हैं.

कब लगाएं मटर?
मटर ठंड की फसल है. इसलिए सितंबर, अक्टूबर से दिसंबर के बीच इसका बीज बोना सबसे सही माना जाता है. इससे पौधा अच्छे से बढ़ता है और फसल जल्दी तैयार होती है.

घर में किन चीजों में लगा सकते हैं मटर
मटर को आप घर में कई चीजों में आसानी से उगा सकते हैं. मटर लगाने के लिए आप बड़े प्लास्टिक के गमले, पुरानी बाल्टियां, ग्रो बैग्स, टब, थर्मोकोल बॉक्स, या लकड़ी के क्रेट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. बस यह ध्यान रखें कि जिस भी बर्तन या कंटेनर का उपयोग करें, उसमें पानी निकासी के लिए नीचे छेद जरूर हो. साथ ही, धूप वाली जगह पर रखें और बेल को चढ़ने के लिए सहारा देना न भूलें.

बीज लगाने का तरीका
मटर को हल्की, भुरभुरी और अच्छे से निकास वाली मिट्टी पसंद होती है. सबसे पहले मटर के बीज को रातभर पानी में भिगो दें, इससे अंकुरण जल्दी होगा. अगली सुबह बीजों को 1 से 2 इंच गहराई में मिट्टी में बो दें. हर बीज के बीच 2-3 इंच का फासला जरूर रखें ताकि पौधे फैल सकें.

मटर को पानी और धूप कितनी जरूरी?
मटर के पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन मिट्टी न सूखे इसका ध्यान रखें. जब पौधे छोटे हों, तब हल्की धूप चलेगी, लेकिन जैसे-जैसे बड़े होते हैं, 6 घंटे की सीधी धूप बेहतर मानी जाती है. जब मटर का पौधा बढ़ने लगेगा, तो उसे चढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होगी. आप बांस की छड़ें, लकड़ी की पतली सीढ़ी या जाल लगा सकते हैं. मटर की बेल इन पर लिपटकर ऊपर चढ़ती है और ज्यादा फली देती है.

कब और कैसे तोड़ें मटर की फली?

बीज बोने के लगभग 60 से 80 दिन बाद मटर की फलियां तैयार हो जाती हैं.

जब फली मोटी और गहरे हरे रंग की दिखाई दे, तभी तोड़ें.

हर दो दिन में ताजी फलियां तोड़ते रहें, इससे नए फूल और फलियां जल्दी आएंगी.

मटर की बेल में ज्यादा खाद नहीं डालनी चाहिए, वरना सिर्फ पत्तियां आएंगी, फली नहीं.