
चंदौली जिले की मुगलसराय पुलिस ने एक ऐसे चोरों के गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसके कारनामे सुनकर आप दंग रह जाएंगे! ये शातिर चोर न तो घरों को निशाना बनाते थे, न ही दुकानों को, बल्कि सरकारी स्कूलों, पंचायत भवनों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) को अपना टारगेट बनाते थे. इनके निशाने पर फ्रिज, लैपटॉप, इनवर्टर, बैटरी, कंप्यूटर, प्रिंटर और रिवॉल्विंग चेयर जैसे कीमती इलेक्ट्रॉनिक सामान थे.
मुगलसराय पुलिस ने इस गैंग के चार शातिर सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके पास से करीब 11 लाख रुपये कीमत का चोरी का सामान बरामद किया है. गैंग के दो अन्य सदस्य अभी फरार हैं, लेकिन पुलिस का दावा है कि उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.
चोरों का अनोखा अंदाज
पुलिस की गिरफ्त में आए ये चारों चोर आपस में दोस्त हैं. इनका लीडर कौशिक बिंद है, जिसके खिलाफ चंदौली, मिर्जापुर, वाराणसी और आसपास के थानों में कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. ये गैंग महंगे शौक पूरे करने के लिए चोरी का रास्ता अपनाता था. सबसे खास बात यह है कि ये लोग घरों या दुकानों में सेंधमारी नहीं करते थे, बल्कि सरकारी इमारतों को निशाना बनाते थे. कारण? ये इमारतें रात में खाली रहती थीं और ज्यादातर शहर के बाहरी इलाकों में होती थीं, जहां पकड़े जाने का डर कम था.
ये चोर पहले सरकारी भवनों की रेकी करते थे. फिर रात के अंधेरे में ताले तोड़कर अंदर घुसते और फ्रिज, लैपटॉप, इनवर्टर, बैटरी, कंप्यूटर सिस्टम, प्रिंटर, कूलर और रिवॉल्विंग चेयर जैसे सामान चुरा लेते थे. चोरी का सामान ये लोग बिहार ले जाकर बेच देते थे. पुलिस ने इनके पास से 18 बैटरी, 8 इनवर्टर, 4 कंप्यूटर, 1 लैपटॉप, 3 कूलर, 3 फ्रिज, लोहे की अलमारी, कुर्सियां, साउंड सिस्टम और नकदी बरामद की है. बरामद सामान की कीमत करीब 11 लाख रुपये आंकी गई है
कैसे पकड़े गए ये शातिर चोर?
पिछले कुछ महीनों से चंदौली में स्कूलों, पंचायत भवनों और PHC में चोरी की घटनाएं बढ़ रही थीं. मुगलसराय पुलिस इन चोरों की तलाश में थी. मंगलवार को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध लोग कुरहना-वाराणसी रिंग रोड के पास चोरी का सामान लादकर बिहार जाने की फिराक में हैं. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और चार चोरों को धर दबोचा. इनकी पहचान कौशिक बिंद (अलीनगर), रणजीत बिंद (बबुरी), संजय कुमार बिंद (अलीनगर) और पवन बिंद (मिर्जापुर) के रूप में हुई.
पूछताछ में चोरों ने बताया कि वे योजनाबद्ध तरीके से चोरी करते थे. कौशिक बिंद गैंग का सरगना था, जो चोरी की पूरी प्लानिंग करता था. कोई रेकी करता, कोई ताले तोड़ता, और कोई सामान लादने का काम करता. चोरी के बाद सामान को अलग-अलग जगहों पर छिपाया जाता और फिर बिहार में बेच दिया जाता. इस गैंग ने चंदौली के साथ-साथ मिर्जापुर, वाराणसी और आसपास के जिलों में भी कई चोरियां की थीं.
पुलिस की कार्रवाई और स्थानीय लोगों को राहत
मुगलसराय पुलिस की इस कार्रवाई से 12 चोरियों का खुलासा हुआ है. डिप्टी एसपी कृष्ण मुरारी शर्मा ने बताया, “ये गैंग शहर के बाहरी इलाकों में स्थित सरकारी स्कूलों, पंचायत भवनों और PHC को निशाना बनाता था. इनके पास से भारी मात्रा में चोरी का सामान और चोरी में इस्तेमाल होने वाली मैजिक गाड़ी भी बरामद की गई है.” पुलिस ने चारों आरोपियों को जेल भेज दिया है और फरार दो सदस्यों की तलाश जारी है.
(उदय गुप्ता की रिपोर्ट)