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UP Officer: यूपी का वो अफसर, जो उठाता है ईंट-गोबर और झाड़ू! गायों के लिए करता है मजदूरी

BDO विनोद सिंह हर मंगलवार और शुक्रवार ऑफिस का काम खत्म करने के बाद सीधे किसी एक गौशाला में पहुंचते हैं. यहां वे खुद फावड़ा उठाकर सफाई करते हैं, गायों का गोबर सिर पर तसले में भरकर ढोते हैं और फिर झाड़ू लगाते हैं.

UP officer Basti BDO Vinod Singh UP officer Basti BDO Vinod Singh

क्या आपने कभी सोचा है कि कोई बड़ा अधिकारी दफ्तर की कुर्सी छोड़कर मजदूरी करने लगे? झाड़ू लगाए, गोबर उठाए और गायों के लिए चारा काटे? सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यूपी के बस्ती जिले में तैनात एक ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) अपनी अलग ही मिसाल पेश कर रहे हैं.

ये कहानी है परशुरामपुर ब्लॉक के BDO विनोद कुमार सिंह की, जिनकी पहचान अब सिर्फ एक अफसर की नहीं बल्कि “गौसेवक अफसर” के तौर पर हो गई है.

जहां अफसर AC कमरे से बाहर नहीं निकलते, वहीं ये अधिकारी उठाते हैं फावड़ा!

आज के दौर में ज्यादातर अधिकारी आराम से एयर-कंडीशंड दफ्तरों में बैठकर फाइलों पर हस्ताक्षर कर अपनी ड्यूटी पूरी कर लेते हैं. लेकिन बस्ती के इस अधिकारी की कार्यशैली बिल्कुल अलग है.

विनोद सिंह कभी कंधे पर ईंट ढोते दिख जाते हैं, तो कभी झाड़ू लगाते हुए, कभी मजदूरों संग मिलकर सीमेंट-गारा बिछाते हुए और कभी खेतिहर किसान की तरह चारा काटते हुए.

उनके इस अंदाज को देखकर आम लोग भी उनसे जुड़ जाते हैं और गौशालाओं में उनके साथ श्रमदान करते हैं.

हर हफ्ते दो दिन गायों की सेवा

BDO विनोद सिंह हर मंगलवार और शुक्रवार ऑफिस का काम खत्म करने के बाद सीधे किसी एक गौशाला में पहुंचते हैं. यहां वे खुद फावड़ा उठाकर सफाई करते हैं, गायों का गोबर सिर पर तसले में भरकर ढोते हैं और फिर झाड़ू लगाते हैं.

इतना ही नहीं, वे अपनी जेब से चारा मशीन मंगवाकर गायों के लिए हरा चारा काटते हैं और खुद अपने हाथों से खिलाते भी हैं.

एक लाख ईंटें जुटाईं, CCTV कैमरों की योजना

सिर्फ हाथ से काम करना ही नहीं, विनोद सिंह ने जन सहयोग जुटाकर अब तक एक लाख से ज्यादा ईंटें मंगाई हैं. इनसे गौशालाओं में पक्का फर्श और अन्य निर्माण कराया गया है.

बिना किसी सरकारी मदद के ही उन्होंने अब गौशालाओं में CCTV कैमरे लगवाने की योजना बनाई है, ताकि गायों की सुरक्षा और देखभाल में कोई लापरवाही न हो.

क्यों करते हैं ये सब?

जब उनसे पूछा गया कि आखिर वे ये सब क्यों करते हैं, तो उन्होंने मुस्कुराकर कहा, “मेरे ब्लॉक क्षेत्र में 6 कान्हा गौशालाएं हैं, जिनमें हजारों गायें रहती हैं. अगर मैं ही उनकी बीमारी, चारे और सफाई की चिंता न करूं तो कौन करेगा? गायों को ऐसे मरता छोड़ना मुझे मंज़ूर नहीं. इसलिए मैं श्रमदान करता हूं और चाहता हूं कि दूसरे अधिकारी भी ऐसी सेवा करें.”

जिलाधिकारी ने भी पीठ थपथपाई

इतना ही नहीं, बस्ती के जिलाधिकारी रवीश कुमार गुप्ता ने भी इस मेहनतकश अधिकारी की सराहना की. उन्होंने कहा, “BDO विनोद सिंह का काम काबिले तारीफ़ है. उन्होंने दिखाया है कि अधिकारी केवल आदेश देने वाले नहीं होते, बल्कि खुद आगे बढ़कर उदाहरण पेश कर सकते हैं. उनके नाम की सिफारिश पुरस्कार के लिए भी भेजी गई है.”

गांव के लोग कहते हैं कि जिस तरह एक बड़ा अफसर खुद मजदूरी करके गायों की सेवा करता है, वैसा तो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा. यही वजह है कि अब ग्रामीण भी उनके साथ श्रमदान करने में संकोच नहीं करते.

(संतोष सिंह की रिपोर्ट)