

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक अनोखी शादी हुई, जहां पुलिस और एसटीएफ ने दुल्हन के परिवार का सहारा बनकर शादी करवाई. इस शादी में पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल और उनकी पत्नी तन्वी जायसवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. दुल्हन उदय कुमारी के भाई शिवदीन की हत्या गत 24 अप्रैल को बदमाशों ने लूट के दौरान कर दी थी. इसके बाद दूल्हे पक्ष ने लुटेरों के डर से शादी करने से इनकार कर दिया था.
बारातियों का किया स्वागत
पुलिस अधिकारियों को जब इस बात का पता चला कि दूल्हे पक्ष ने लुटेरों के डर से शादी करने से इनकार कर दिया है, तो उन्होंने उदय कुमारी की शादी का जिम्मा उठाने का फैसला किया. पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल और उनकी पत्नी तन्वी जायसवाल ने शादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने न केवल शादी का पूरा खर्च उठाया, बल्कि दुल्हन को 1 लाख 51 हजार रुपए नकद, जेवर और गृहस्थी का सामान भी दिया. एसटीएफ और पुलिस ने घराती की भूमिका निभाई और बारातियों का स्वागत किया.
दुल्हन को ले गए स्टेज तक
दूल्हा प्रदीप जब बारात लेकर दुल्हन के दरवाजे पर पहुंचे तो पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिसवालों ने बारात का स्वागत किया. द्वार पूजा के दौरान एसपी, सीओ डीके शाही और एएसपी पश्चिमी राधेश्याम राय सहित कई अधिकारी पगड़ी में नजर आए. सीओ तरबगंज डॉ. यूपी सिंह और उमरी बेगमगंज थाना अध्यक्ष नरेंद्र प्रताप राय ने भाई का फर्ज निभाया और दुल्हन उदय को स्टेज तक ले गए. जयमाल के बाद पहले दुल्हन की मां, फिर पुलिसवालों ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया.
मुठभेड़ में मारा गया डकैतों के गैंग का सरदार ज्ञानचंद
आपको बता दें, ज्ञानचंद डकैतों के गैंग का सरदार था, जिसने 24 अप्रैल की रात को उदय कुमारी के घर से पैसा भी लूट लिया था और उसके भाई को जान से मार दिया था. घटना के दो दिन बाद उदय की शादी थी. घटना के बाद डकैत और गैंग फरार हो गया और डकैत के सरदार पर पुलिस ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया. इसके बाद इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह अपनी एसटीएफ टीम के साथ डकैत की गिरफ्तारी के लिए लगे रहे. 8 मई को चौका घाट रेलवे स्टेशन बाराबंकी के पास जंगल में डकैतों के गैंग के साथ इंस्पेक्टर अरुण सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ की टीम के साथ मुठभेड़ हुई. इसमें 1 लाख का इनामी ज्ञानचंद मारा गया था. STF ने इसके बाद लड़के के घरवालों से बात की और शादी की नई डेट पक्की की और फिर शादी कराई.