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Jhansi Library: एशिया की पहली नेट जीरो बिल्डिंग में है झांसी लाइब्रेरी, 90 दिन में बनकर हुई तैयार, आधुनिक सुविधाओं से है लैस

उत्तर प्रदेश के झांसी में एशिया की पहली नेट जीरो लाइब्रेरी है. यह बिल्डिंग 90 दिनों में बनकर तैयार हुई है. इस बिल्डिंग को सबसे कम समय में बनने वाली बिल्डिंग का खिताब भी मिला हुआ है. इसकी छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं. इससे बनने वाली बिजली का इस्तेमाल बिल्डिंग में किया जाता है.

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उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की एक लाइब्रेरी इन दिनों कई बड़ी खूबियों के कारण अपनी पहचान बनाए हुए हैं. झांसी लाइब्रेरी जिस बिल्डिंग में है, उसे एशिया की पहली नेट जीरो बिल्डिंग का दर्जा मिला है. इसके साथ ही सबसे कम समय में बनने वाली बिल्डिंग का खिताब भी इसे मिला है. इसमें बुक शेल्फ, रीडिंग कॉर्नर, कम्प्यूटर लैब समेत अन्य कई सुविधाएं है. इस बिल्डिंग को साउंड प्रूफ बनाया गया है.

90 दिन में बनकर तैयार हुई बिल्डिंग-
झांसी लाइब्रेरी महानगर के कचहरी चौराहे पर शिक्षा भवन के पास है. इस लाइब्रेरी को झांसी विकास प्राधिकरण (JDA) ने बनाया है. यह लाइब्रेरी सबसे कम समय सिर्फ 90 दिन में बनकर तैयार हुई है. इसकी छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं. जिससे बनने वाली बिजली को बिल्डिंग के इस्तेमाल में लाया जाता है. लाइब्रेरी के ग्राउंड फ्लोर पर बुक शेल्फ है. इसके साथ ही फर्स्ट फ्लोर को बच्चों के पढ़ने के लिए बनाया गया है. इसे 2 हिस्सों में बांटा गया है. जिसके एक हिस्से में लड़कियां और दूसरे हिस्से में लड़के बैठकर पढ़ सकते हैं. 

50 सीसीटीवी कैमरे से निगरानी-
इस बिल्डिंग में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा के लिए इसमें 50 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इसके साथ ही सुरक्षाकर्मियों की भी तैनाती की गई है. लाइब्रेरी में पढ़ने आने वाले बच्चों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो और उनके पढ़ने लायक माहौल मिले, इसकी भी व्यवस्था की गई है.

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सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहती है लाइब्रेरी-
झांसी लाइब्रेरी के पुस्तकालय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह का कहना  है कि यह सबसे कम समय में बनकर तैयार होने वाली एशिया की पहली लाइब्रेरी है. लाइब्रेरी पूरी तरह से एयर कंडीशन है, ताकि बच्चों को पढ़ने लायक वातावरण मिल सके. उन्होंने बताया कि बच्चों के पढ़ने के लिए यह एक बेहतर स्थान है. यहां पढ़ने के लिए साहित्य की वे किताबें भी आसानी से मिलती हैं, जो शायद ही कहीं उपलब्ध हो. लाइब्रेरी सुबह 10 बजे खुल जाती है और शाम को 5 बजे तक खुली रहती है. बच्चों को यहां एक परिवार की तरह माहौल देने का प्रयास किया जाता है.

बच्चों के लिए किड्स सेंटर-
देवेंद्र सिंह ने बताया कि समय-समय पर हम एक्सपर्ट को भी बुलाते हैं. जिससे बच्चे अपनी समस्या का समाधान कर सकें. यहां छोटे बच्चों के लिए किड्स सेंटर बनाया गया है. इसमें बच्चे बैठ सकते हैं और खेल सकते हैं. यह लाइब्रेरी करीब 20 हजार स्क्वायर फीट में फैला है. इस लाइब्रेरी को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए नामित किया गया है.
(झांसी से प्रमोद गौतम की रिपोर्ट)

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