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Swachh Survekshan 2024-25: स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में उत्तर प्रदेश ने मारी बाजी... लखनऊ देश में तीसरा सबसे स्वच्छ शहर... प्रयागराज, आगरा और गोरखपुर इन मामलों में पुरस्कृत

Swachh Survekshan 2024-25 Awards:  स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के नौवें संस्करण का पुरस्कार गुरुवार को प्रदान किया गया. लखनऊ को प्रेसिडेंशियल अवार्ड और प्रयागराज, आगरा व गोरखपुर को उत्कृष्टता का पुरस्कार मिला. 

Lucknow Lucknow
हाइलाइट्स
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रदान किए पुरस्कार

  • लखनऊ को मिला प्रेसिडेंशियल अवार्ड

उत्तर प्रदेश ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है. राज्य ने शहरी स्वच्छता और सैनिटेशन पहल के लिए शीर्ष रैंक और विभिन्न श्रेणियों में कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किए हैं. स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के नौवें संस्करण के पुरस्कार गुरुवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रदान किए. इस अवसर पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एके शर्मा ने यूपी को मिले पुरस्कारों को ग्रहण किया. 

समारोह में लखनऊ ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में स्वच्छ शहर पुरस्कार में तीसरा स्थान प्राप्त किया और ऐतिहासिक 7-स्टार कचरा मुक्त शहर (GFC) रेटिंग हासिल की. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के कर-कमलों से लखनऊ को प्रेसिडेंशियल अवार्ड प्राप्त हुआ है. प्रयागराज, आगरा, गोरखपुर और महाकुंभ 2025 को उत्कृष्टता का पुरस्कार मिला. इसके साथ ही अब 5 स्टार रेटिंग से ऊपर वाले देश के 20 स्वच्छतम बड़े शहरों में से 6 शहर यूपी के हो गए हैं.

लखनऊ को राष्ट्रपति पुरस्कार
राजधानी लखनऊ को 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में स्वच्छ शहर पुरस्कार में तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार (प्रेसिडेंशियल अवार्ड) प्राप्त हुआ. लखनऊ शहर ने उत्तर प्रदेश में पहली बार 7-स्टार GFC रेटिंग हासिल कर कचरा प्रबंधन में उत्कृष्टता का परिचय दिया है. यह उपलब्धि लखनऊ के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जो शहर की स्वच्छता और कचरा प्रबंधन प्रणाली में निरंतर सुधार को दर्शाता है.

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प्रयागराज सबसे स्वच्छ गंगा शहर
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में प्रयागराज नगर निगम को सबसे स्वच्छ गंगा शहर के रूप में सम्मानित किया गया. इस शहर ने पवित्र गंगा नदी की स्वच्छता बनाए रखने में सराहनीय प्रयास किए. विशेष रूप से, महाकुंभ के दौरान शहर के सैनिटेशन प्रबंधन को आवास और शहरी कार्य मंत्रालय से विशेष प्रशंसा प्राप्त हुई है. यह सम्मान प्रयागराज की स्वच्छता और सांस्कृतिक आयोजनों के प्रबंधन में उत्कृष्टता को दर्शाता है.

गोरखपुर के लिए दोहरी खुशी
सर्वेक्षण में गोरखपुर ने दोहरी सफलता हासिल की है. इस शहर ने सफाई मित्र सुरक्षित शहर श्रेणी में तीसरा स्थान और 3-10 लाख आबादी वर्ग में चौथा स्थान प्राप्त किया है. इसके साथ ही, गोरखपुर ने 5-स्टार GFC रेटिंग भी हासिल की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाता है. यह उपलब्धि शहर में सैनिटेशन कर्मचारियों की सुरक्षा और कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

आगरा बना उभरता स्वच्छ शहर
आगरा को राज्य का उभरता स्वच्छ शहर घोषित किया गया है. इसे राष्ट्रीय स्तर पर 32वां स्थान प्राप्त हुआ है. आगरा की शहरी स्वच्छता के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता और 5-स्टार GFC रेटिंग इसकी उल्लेखनीय उपलब्धि को दर्शाती है. आगरा ने स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.

मुरादाबाद और अन्य शहरों का प्रदर्शन भी शानदार
मुरादाबाद ने 3-10 लाख आबादी वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर 10वां स्थान हासिल किया है. मध्यम शहरों की श्रेणी में नगर पालिका परिषद बिजनौर ने 29वां और शमशाबाद ने 95वां स्थान प्राप्त किया है. ये उपलब्धियां उत्तर प्रदेश के व्यापक सैनिटेशन प्रयासों को दर्शाती हैं, जो विभिन्न आकार के शहरों में स्वच्छता को बढ़ावा दे रहे हैं.

स्वच्छ महाकुंभ 2025 के लिए पुरस्कार
उत्तर प्रदेश को महाकुंभ 2025 के दौरान नवोन्मेषी और टिकाऊ स्वच्छता पहल के लिए स्वच्छ महाकुंभ 2025 पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह पुरस्कार सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक सैनिटेशन मानकों के बीच संतुलन को दर्शाता है, जो योगी सरकार की स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है.

मंत्री एके शर्मा बोले- सामूहिक प्रयासों का परिणाम 
शहरी विकास विभाग के मंत्री एके शर्मा ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में उत्तर प्रदेश का शानदार प्रदर्शन स्वच्छ और स्वस्थ शहरी स्थानों के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि लखनऊ की ऐतिहासिक 7-स्टार GFC रेटिंग, आगरा के उभरते स्वच्छ शहर पुरस्कार और प्रयागराज के गंगा शहर सम्मान नागरिकों, नगर निकायों और शहरी स्थानीय निकायों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम हैं. उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को भारत का सबसे स्वच्छ राज्य बनाना है.

हम और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने को तैयार
विशेष सचिव नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश अनुज झा ने बताया कि दरवाजे से दरवाजे तक कूड़ा कलेक्शन 48% से बढ़कर 62% हुआ. यूपी में दृश्य स्वच्छता महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, गोवा आदि से बेहतर है. कचरा प्रसंस्करण 48% से बढ़कर 85% से अधिक हो गया है. कुछ मानकों को छोड़कर सभी में राष्ट्रीय मानकों से बेहतर, जिनमें हम बराबरी पर हैं. एक साल में बड़े कदम, हम स्वच्छ भारत मिशन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं.

प्रमुख सचिव, शहरी विकास विभाग ने कहा कि राज्य की शीर्ष रैंकिंग, GFC प्रमाणन और ODF++ और वाटर+ श्रेणियों में प्रगति कठोर निगरानी, प्रशिक्षण और पर्यवेक्षण के प्रभाव को दर्शाती है. उत्तर प्रदेश एक परिवर्तनकारी यात्रा पर है और इसके शहरी नगर निकाय, नगर पालिकाएं और नगर निगम शहरी स्वच्छता के उच्चतम मानकों को प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. राज्य का लक्ष्य स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 की सफलता को आधार बनाकर शहरी सैनिटेशन में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी स्थान को और मजबूत करना है.