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उत्तराखंड के इस शहर में 500 रुपये देकर ले सकते हैं असलियत की जेल में रहने का अनुभव...कुंडली के बंधन योग मिटाता है ये जेल

Uttrakhand का जेल प्रशासन हलद्वानी में 500 रुपये की मामूली फीस पर लोगों की जेल में रहने का मौका दे रहा है. कई बार लोगों की कुंडली में बंधन योग होता है, ऐेसे में ज्योतिष उन्हें कारागार में समय बिताने के लिए कहती है, इस तरह की व्यवस्था से इस योग को खत्म किया जा सकता है.

Jail (Representative Image) Jail (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • जेल को 1903 में बनाया गया था

  • लगती है 500 रुपये फीस

उत्तराखंड के हल्द्वानी में जेल प्रशासन 500 रुपये प्रति रात के शुल्क पर लोगों को जेल के अंदर का रियल लाइफ एक्सपीरियंस करवाता है. इसका मकसद लोगों को बुरे कर्मा से बचाना है ताकि वो ये महसूस कर सकें कि जेल में जिंदगी कैसी होती है.

कब बना था जेल?
हल्द्वानी की इस जेल को 1903 में बनाया गया था. इसमें छह स्टाफ क्वार्टरों के साथ एक पुराने शस्त्रागार का एक हिस्सा है. जेल के उप जेल अधीक्षक सतीश सुखिजा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि छोड़े गए हिस्से को "जेल के मेहमानों" के लिए तैयार किया जा रहा है. जेल को अक्सर वरिष्ठ अधिकारियों से "अनुशंसित व्यक्तियों" को जेल की बैरकों में कुछ घंटे बिताने की अनुमति देने का आदेश मिलता था. इन "पर्यटक कैदियों" को जेल की वर्दी और जेल की रसोई में बना खाना उपलब्ध कराया जाता है.

कुछ लोगों को कुंडली में बंधन योग होने की वजह से ज्योतिष जेल में रात बिताने की सलाह देते हैं. ऐसे सभी मामले मुख्य रूप से ऐसे लोगों के हैं जिनके ज्योतिषियों का अनुमान है कि उनकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार जेल काटना लिखा है. जेल अधिकारी ने कहा, ''हमारे पास जेल के अंदर एक हिस्सा है जिसे डमी जेल कह सकते हैं. इसे हमने बिल्कुल जेल की तरह ही तैयार किया है. यहां आप 500 रुपये देकर जेल का अनुभव ले सकते हैं.''

कब बनती है स्थिति?
हल्द्वानी स्थित एक ज्योतिषी मृत्युंजय ओझा ने टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा, "जब किसी की कुंडली या जन्म कुंडली में शनि और मंगल सहित तीन खगोलीय पिंड प्रतिकूल स्थिति में होते हैं, तो यह एक समीकरण बन जाता है जो भविष्यवाणी करता है कि व्यक्ति को कारावास से गुजरना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में, हम आमतौर पर हम व्यक्ति को जेल में रात बिताने और कैदियों को भोजन उपलब्ध कराने की सलाह देते हैं ताकि ग्रहों की स्थिति के बुरे प्रभावों को दूर किया जा सके."

सुखिजा ने कहा, "मैंने पहले भी इस मामले के संबंध में जेल महानिरीक्षक के पास एक प्रस्ताव रखा था. उन्होंने (पुष्पक ज्योति) न केवल इसकी सराहना की बल्कि मुझे एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भेजने के लिए भी कहा."