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हर किसी के लिए मिसाल है यह महिला किसान, खेती करने का तरीका बदलकर बढ़ाई कमाई, दूसरों को भी दिया रोजगार

स्वयं सहायता समूह से जुड़ते ही बदली इस महिला किसान की तकदीर. अब 160 महिलाओं को दिलवाया स्वरोजगार. पढ़ें ग्रामीण क्षेत्रों में प्रेरणा की स्रोत बनी मोना की कहानी.

Success story of Mona Success story of Mona
हाइलाइट्स
  • पहले सालभर में होती थी मात्र 60 से 70 हजार की आमदनी

  • खेती करने का तरीका बदला तो बढ़ी कमाई

उत्तर प्रदेश के इटावा में सदर तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत चितभवन के पास नावली अड्डा की निवासी मोना आजकल अपने गांव और क्षेत्र में मिसाल बनी हुई हैं. हर कोई उन्हें सम्मान की नजर से देख रहा है. क्योंकि मोना ने न सिर्फ अपनी बल्कि पूरे गांव की महिलाओं की तकदीर बदली है. 

मोना ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यक्रमों से जुड़कर एक समूह सखी की भूमिका निभाई और संगठन के चल रहे कार्यक्रमों की सहभागिता से अपने घर की आर्थिक स्थिति में भी बड़ा बदलाव कर लिया. क्षेत्र में मोना 160 महिलाओं को रोजगार देकर प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं. 

कर रही हैं सब्जियों का उत्पादन

Vegetable Farming

मोना ने बताया कि मेरे पास मात्र चार बीघा जमीन है. जिसमें हम लोग केवल गेहूं और धान की पैदावार ही करते थे. सालभर में मात्र 60 से 70 हजार की ही आमदनी हो पाती थी. फिर मुझे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बारे में जानकारी मिली तो उससे जुड़कर हमने एक ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लिया. 

यहां मोना ने बेमौसम सब्जी उगाने की तकनीक सीखी. इसके बाद खीरा, तरबूज, करेला, शिमला मिर्च जैसी कई सब्जियों को मौसम के विपरीत मल्चिंग विधि से उगाया. इससे उनकी आमदनी बढ़ी और 4 लाख रुपए प्रति वर्ष के अनुसार आमदनी होने लगी. 

घर की आर्थिक स्ठिति हुई मजबूत 

पहले उनके परिवार की स्थिति बहुत ही कमजोर थी. बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना भी एक चुनौती थी. पर अब उनकी स्थिति मजबूत हुई है. परिवार के लोग खुश हैं और उनके दोनों बच्चे पढ़ रहे हैं. समूह सखी ग्रुप से जुड़े हुए उन्हें लगभग ढाई वर्ष हुए हैं. अब उन्हें क्षेत्र में बहुत सम्मान प्राप्त होता है. 

(अमित तिवारी की रिपोर्ट)