scorecardresearch

आपका खाना कितना हेल्दी है? अब मोबाइल पर स्कैनर के जरिए चलेगा पता, लॉन्च किया गया न्यूट्रीएड एप

न्यूट्रीएड एप लोगों के लिए उनकी व्यक्तिगत खाने की आदतों को मापने और बदलने के लिए एक सार्थक उपकरण के रूप में काम करेगा. यह लोगों को एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) फूड रिकग्निशन (पहचान) के टूल के साथ अपने न्यूट्रिशन संबंधित विकल्पों को ट्रैक करने में सक्षम बनाता है.

Food Food

आप जो खाना खा रहे हैं वो कितना हेल्दी है इसका पता लगाने के लिए न्यूट्रीएड एप लांच किया गया है. इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्थ एंड रिसर्च डिपार्टमेंट की ईकाई हैदराबाद स्थित आईएसएमआर- नेश्नल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन के अधीन इंडो-जर्मन कोलेबोरेशन के तहत जर्मनी की तीन शोध विश्वविद्यालयों और एसटीपीआई, मोहाली स्थित हैल्थ टेक स्टार्टअप कैल्वरी वेलनेस का सहयोग है. न्यूट्रीएड का उद्देश्य देश में व्याप्त विभिन्न फूड प्रेक्टिसिस और न्यूट्रिशन संबंधी फैसले लेने के महत्वपूर्ण पहलूओं की जांच करना और उनके समाधान ढूंढना है.

न्यूट्रीएड एप लोगों के लिए उनकी व्यक्तिगत खाने की आदतों को मापने और बदलने के लिए एक सार्थक उपकरण के रूप में काम करेगा. यह लोगों को एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) फूड रिकग्निशन (पहचान) के टूल के साथ अपने न्यूट्रिशन संबंधित विकल्पों को ट्रैक करने में सक्षम बनाता है. न्यूट्रिएप के माध्यम से व्यक्ति खाने को स्कैन कर फूड की कैलोरी को माप सकता है. फूड च्वाईस के प्रभाव की गहरी समझ की सुविधा प्रदान करके न्यूट्रीएड लोगों को सही फैसले लेने और पॉजिटिव बदलावों को अपनाने का अवसर प्रदान करता है. आधुनिक टेक्नोलॉजी और वैज्ञानिक अनुसंधान रिसर्च का लाभ उठाकर दोनों देशों की संयुक्त टीमों का लक्ष्य समग्र दृष्टिकोण (होलिस्टिक अप्रोच) का पालन करके लोगों के न्यूट्रिशन में सुधार करना है. इस एप को आप फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं.

कैल्वरी वेलनेस के सीबीओ का मानना है कि न्यूट्रिएड एप लोगों से लेकर समूचे समाज की देखभाल करने के लिए एक अद्भुत और नया मंच है. इस प्रयास का उद्देश्य सुरक्षित भविष्य का निर्माण करना है. जर्मनी स्थित ऑग्सबर्ग सेंटर फॉर क्लाइमेट रेजिलिएंट में अर्बन क्लाइमेट रेसिलिएंट के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ मार्कस केक ने कहा कि यह साझा प्रयास वस्ताव में ट्रांसफॉर्मेटिव साइंस का एक बेहतरीन मौका है जो भारत में पोषण सुधार में महत्वपूर्ण योगदान देगा. यह पहल भारत में न्यूट्रिशन परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने विश्वास जताया कि न्यूट्रिएड लोगों की खाने की आदतों में पॉजिटिव चेंज लेकर आएगा.