
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, अब अपनी सुरक्षा और सुविधाओं के मामले में भी चर्चा में है. मंदिर परिसर में करीब 650 आधुनिक कैमरों की तैनाती के साथ सतत निगरानी की जा रही है, जो श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा रही है. इसके अलावा, भीड़ प्रबंधन और तकनीकी नवाचारों के जरिए मंदिर समिति ने मंदिर को हाईटेक और सुरक्षित बनाया है.
650 कैमरों से लैस सुरक्षा कवच
महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं. लगभग 650 सीसीटीवी कैमरे मंदिर के हर कोने पर नजर रखते हैं, जिसमें पीटीजेड (पैन-टिल्ट-जूम) कैमरे और सामान्य कैमरे शामिल हैं. इन कैमरों की मदद से मंदिर परिसर में 24x7 निगरानी होती है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को तुरंत ट्रैक किया जा सके.
मंदिर समिति ने स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत भी कैमरों की संख्या बढ़ाई है, जो मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा को और मजबूत कर रहे हैं. सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के अनुसार, “इन कैमरों से न सिर्फ निगरानी होती है, बल्कि किसी भी घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस को सौंपकर त्वरित कार्रवाई की जाती है.”
भीड़ प्रबंधन में तकनीक का कमाल
महाकाल मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, खासकर शिवरात्रि, नागपंचमी और सावन सोमवार जैसे प्रमुख त्योहारों पर. इन दिनों मंदिर में पांच लाख से ज्यादा भक्तों की भीड़ उमड़ती है, जिसे संभालने के लिए मंदिर समिति पूरी तरह तैयार रहती है.
इसके लिए हेड काउंटिंग मशीनें लगाई गई हैं, जो प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड करती हैं. इससे यह पता चलता है कि कहां पर भीड़ ज्यादा है, और कंट्रोल रूम तुरंत कार्रवाई कर भीड़ को नियंत्रित करता है. जूनवाल बताते हैं, “कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी हर गतिविधि पर नजर रखते हैं और जरूरत पड़ने पर तुरंत व्यवस्था दुरुस्त की जाती है.”
आधुनिक तकनीक से सुगमता
मंदिर समिति ने तकनीक का भरपूर इस्तेमाल कर श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ाई है. कुछ माह पहले भस्मारती में आने वाले भक्तों के लिए आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) रिस्ट बैंड की शुरुआत की गई.
यह बैंड बार-बार परमिशन चेक करने की जरूरत को खत्म करता है और फर्जी प्रवेश पर भी रोक लगाता है. इसके अलावा, मंदिर में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक का प्रयोग भी शुरू किया गया है, जो सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को और प्रभावी बनाता है. ये कदम न सिर्फ श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि उनके दर्शन अनुभव को भी बेहतर बनाते हैं.
(संदीप कुलश्रेष्ठ की रिपोर्ट)