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Alwar: अनोखी शिव भक्ति! 11 किलो की प्रतिमा कंधे पर लेकर 420 किमी का सफर

राजस्थान के अलवर में एक अनोखा शिव भक्त है. ये भक्त 11 किलोग्राम की शिव प्रतिमा को कंधे पर लेकर हरिद्वार से अलवर पहुंचा है. हरिराम नाम के इस भक्त ने 420 किलोमीटर की यात्रा भगवान शिव की प्रतिमा के साथ की है.

Kanwar Yatra (Photo/PTI) Kanwar Yatra (Photo/PTI)

सावन का पवित्र महीना चल रहा है. इस महीने में कांवड़ का खास महत्व है. देशभर में शिव भक्त कांवड़ लेकर चल रहे हैं और भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली में हरिद्वार से तरह-तरह की कांवड़ लेकर युवा आ रहे हैं. इन सब के बीच अलवर का एक अनोखा भक्त चर्चा का विषय बना हुआ है. अकबरपुर का हरिराम भगवान शिव के 11 किलो की प्रतिमा को कंधे पर रखकर हरिद्वार से 420 किलोमीटर दूर अलवर पहुंचा. गांव की मंदिर में वो इस प्रतिमा को स्थापित करेगा. जगह-जगह लोगों ने हरिराम का स्वागत किया और उसके इस अनोखे अंदाज को लोगों ने खूब सराहना की.

भोलेनाथ की 11 किलो की प्रतिमा-
श्रावण मास के पावन अवसर पर जहां हजारों कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लाकर अपने-अपने शिवालयों में चढ़ा रहे हैं. वहीं, अलवर जिले के उमरेण गांव निवासी हरिराम भगत की अनोखी आस्था नजर आई. हरिराम 11 किलो वजनी भगवान शंकर की प्रतिमा को कंधे पर उठाकर हरिद्वार से अलवर 420 किमी तक की कठिन यात्रा पूरी की. 

कई सालों से कर रहे ये अनोखी यात्रा-
हरिराम ने बताया कि पिछले वर्ष भी इसी प्रकार शिव प्रतिमा लेकर उन्होंने यात्रा की थी और इससे पहले भी वो वर्षों से कांवड़ यात्रा में भाग ले रहे हैं. गांव पहुंचने पर वो इस प्रतिमा को शिव मंदिर में विधिवत स्थापित करेंगे. हरिराम ने बताया कि मार्ग में उन्हें प्रतिमा के साथ चलते देख लोगों ने श्रद्धा से ‘बम बम भोले’ के जयकारे लगाए और उनकी भक्ति की सराहना की. हरिराम भगत का यह कार्य श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है, जो दिखाता है कि सच्ची आस्था में कोई बाधा नहीं होती है.

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गांव में स्वागत की तैयारी-
इस अनोखी अंदाज के कारण हरिराम पूरे देश में सोशल मीडिया पर भी जमकर चर्चा का विषय बना रहा. जगह-जगह उनके फोटो, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते नजर आए. शिव भक्तों में वो चर्चा का विषय बने रहे. हरिराम के स्वागत के लिए गांव में खास तैयारी की गई है. उनके परिवार व गांव के लोग खासे उत्साही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा शिव भक्त शायद ही कहीं देखने को मिलेगा, जो भगवान शिव की प्रतिमा को हरिद्वार से अपने कंधे पर लेकर आया है.

(हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट)

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