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Amarnath Yatra 2025: बालटाल मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का भंडार! 4 लेयर सिक्योरिटी को पार करने के लिए परमिट की जरूरत... दोनों यात्रा के मार्गों पर 50 हज़ार जवान तैनात

अमरनाथ यात्रा के लिए इस बार खास इंतजाम किए गए हैं. विशेष तौर पर बालटाल मार्ग पर काफी कुछ देखने को मिल रहा है. सिक्योरिटी के नजरिए से भी यात्रा के दोनों मार्गों पर कड़ी सुरक्षा की गई है.

अमरनाथ यात्रा अमरनाथ यात्रा
हाइलाइट्स
  • सुरक्षा के लिए तैनात किए गए 50 हजार जवान

  • महिलाओं के लिए विशेष महिला फोर्स तैनात

  • बिना परमिट नहीं होगी सिक्योरिटी लेयर पार

अमरनाथ यात्रा भारत में सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक है. इस यात्रा की शुरुआत इस साल गुरुवार 3 जुलाई से शुरु हुई है. यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम भी किए गए है. आज के दिन अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना होगा. 

क्या हैं सुविधाएं

यात्रियों के बालटाल बेस कैंप में 4 वर्ग किमी में टेंट सिटी बस चुकी है. जहां भक्त विश्राम कर सकते हैं. साथ ही देशभर से आए श्रद्धालुओं के लिए कई भंडारों का आयोजन भी किया गया है. पहलगाम अटैक के बाद भक्तों की सुरक्षा के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं. 

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बालटाल रूट का सफर

बालटाल रूट की बात करें तो इस रूट से पवित्र गुफा केवल 16 किमी की दूरी पर है. लेकिन वह 6 हज़ार फीट की ऊंचाई पर है. तो यह सफर भक्तों के लिए थोड़ा कठिन हो जाता है. तापमान की बात करें तो इस रूट से सफर करने पर भक्तों को सामान्य से 5 डिग्री अधिक तापमान का सामना करना होता है. जो कि 24 डिग्री हो जाता है.

बालटाल रूट पर सुविधाएं

इस रूट का इस्तेमाल करने वाले भक्तों के लिए कई सुविधाओं को बढ़ाया गया है. जैसे रेलपथरी तक 4 किमी में ब्लॉक्स वाली सड़क मौजूद है. पूरे मार्ग की चौढ़ाई को 12-14 फीट किया गया है. जिससे लोगों को सफर करने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता. साथ ही रेलिंग को भी लगाया गया है. जिसकी मदद से लोगों को चढ़ने में आसानी होगी.

गुफा तक पहुंचने के लिए भक्तों को 100 सीढ़िया चढ़नी पड़ती हैं. लेकिन इन मार्ग को टीन शेड के कवर कर दिया गया है. जिससे भक्तों को किसी प्रकार की मौसम की मार से बचने में मदद मिलेगी.

कैसा है सिक्योरिटी का हाल

पहलगाम हमले के बाद दोनों बेस कैंप के 4 किमी पहले ही फोर लेयर सिक्योरिटी को तैनात कर दिया गया है. अगर किसी के पास यात्रा का परमिट नहीं है तो वह इस सिक्योरिटी की लेयर को पार नहीं कर सकता है. जवानों की बात करें तो दोनों यात्रा के मार्गों पर 50 हज़ार जवानों की तैनाती की गई है. 

यात्रा पर निगरानी करने के लिए ड्रोन, फेस रेकगनिशन जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. बालटान मार्ग पर महिलाओं के लिए विशेष रूप से महिला फोर्स को भी तैनात किया गया है.