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Ganesh Visarjan 2025: गणेश विसर्जन के लिए 4 शुभ मुहूर्त, इस विधि से कीजिए बप्पा की विदाई, हर मनोकामना होगी पूरी

Ganesh Visarjan: भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन 6 सितंबर 2025 को किया जाएगा. इस बार विसर्जन के लिए चार शुभ मुहूर्त हैं. आइए जानते हैं कैसे गणपति बप्पा की विदाई करनी चाहिए?

Ganesh Visarjan (Photo: PTI) Ganesh Visarjan (Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • 6 अगस्त को भगवान गणेश की प्रतिमा का किया जाएगा विसर्जन

  • गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ के श्रद्धालु लगाएंगे जयकारे

Ganesh Visarjan Muhurat: देशभर में गणेशोत्सव की धूम अब अपने अंतिम चरण में है. अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाता है. इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन 6 सितंबर 2025 को किया जाएगा. श्रद्धालु गणपति बप्पा को विदाई देते हुए 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' के जयकारे लगाते हैं.

गणेश विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त
1. 6 अगस्त को भगवान गणेश की प्रतिमा विसर्जन के लिए 4 शुभ मुहूर्त हैं. 
2. सुबह 7:36 से 9:10 बजे तक. 
3. दोपहर 12:19 से शाम 5:02 बजे तक. 
4. शाम 6:37 से रात 8:02 बजे तक. 
5. रात 9:28 से देर रात 1:45 बजे तक.

गणपति विसर्जन की विधि
पंडित शैलेंद्र पांडे ने बताया कि विसर्जन वाले दिन सुबह से उपवास रखना या केवल फलाहार करना शुभ माना जाता है. विसर्जन के दिन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा स्थान पर घी का दीपक जलाएं और गणेश जी का मंत्र जाप करें. गणेश जी को अक्षत, फूल, और उनका प्रिय भोग जैसे मोदक या लड्डू अर्पित करें. पूजन में नारियल, शमी पत्र और धूप अर्पित करना अनिवार्य है.  पूजा में हुई किसी भूल के लिए क्षमा याचना करें. मूर्ति को जलस्रोतों में विसर्जित करें. इको-फ्रेंडली मूर्ति हो तो घर में बाल्टी या टब में विसर्जित करें और उस जल को पौधों में अर्पित करें. छोटी प्रतिमा को गोद में या सिर पर रखकर ले जाना चाहिए. गणपति का विसर्जन हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करें. गणपति की प्रतिमा जल में फेंके नहीं बल्कि आदर के साथ सुरक्षित तरीके से प्रवाहित करें. 

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विसर्जन के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
विसर्जन के समय चमड़े की वस्तुएं जैसे बेल्ट, घड़ी या पर्स साथ में न रखें. नंगे पैर मूर्ति का वहन करें और विसर्जन स्थल तक जाएं. प्लास्टिक की मूर्ति या चित्र का न तो स्थापना करें और न ही विसर्जन. मिट्टी की प्रतिमा का उपयोग करना सबसे अच्छा और पर्यावरण के अनुकूल है.

विसर्जन के बाद प्रार्थना का महत्व
विसर्जन के बाद भगवान गणेश से अपने परिवार, देश और स्वयं के कल्याण की प्रार्थना करें. पंडित शैलेंद्र पांडे ने कहा, विसर्जन के समय प्रार्थना करें कि आपके कष्टों और दुखों का भी विसर्जन हो जाए. यह प्रक्रिया न केवल धार्मिक है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मकता का प्रतीक भी है.

इन मंत्रोंं का करें जप
जो लोग विसर्जन में शामिल नहीं हो सकते, वे वीडियो कॉलिंग के माध्यम से दर्शन कर सकते हैं. टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी भगवान का ध्यान और आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है. विसर्जन के दौरान गणेश जी के लिए विशेष मंत्र 'ओम गण गणपतये नमः' और 'ओम अनंताय नमः' का जाप करें. गणेश पंचरत्नम और गणेश चालीसा का पाठ भी लाभकारी है.