Ayodhya Ram Temple (Photo/PTI)
Ayodhya Ram Temple (Photo/PTI)
वैसे तो अयोध्या में हर दिन उत्सव है. हर पल उत्साह है. लेकिन राम की नगरी अगले कुछ दिन अद्भुत और अलौकिक पल से गुजरने वाली है. अब से दो साल पहले 22 जनवरी को हिंदी पंचांग के अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी के दिन रामलला मंदिर में विराजे थे. इस बार ये तिथि 31 दिसंबर को पड़ रही है. लिहाजा अयोध्या इस दिन जोर शोर से प्रतिष्ठा द्वादशी मनाने जा रही है.
कई भव्य आयोजनों का साक्षी बना है अयोध्या-
इस भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या कई उत्सव और कई आयोजनों की साक्षी बन चुकी है. अप्रैल में मंदिर में राम भक्तों ने रामलला के सूर्य तिलक के दर्शन किए थे और हाल में लोगों ने मंदिर पर फहराई गई धर्मध्वजा के उत्सव को भी देखा है. अब एक बार फिर अयोध्या प्रतिष्ठा द्वादशी के उल्लास में मगन होने के लिए तैयार है.
28 दिसंबर से 2 जनवरी तक भव्य कार्यक्रम-
राम मंदिर की स्थापना के बाद से ही अयोध्या दुनिया में तेजी से उभरती आध्यात्मिक नगरी बन चुकी है. मंदिर निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या ने वैभव और विकास के संकल्प को सिद्ध होते देखा है. ऐसे में प्रतिष्ठा द्वादशी का ये उत्सव अयोध्या के लिए और भी खास हो गया है. इस अवसर पर राम की नगरी में 28 दिसंबर से 2 जनवरी तक धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहने वाली है.
31 दिसंबर को पूरी तरह से खुल जाएगा राम मंदिर-
एक तरफ मंदिर प्रशासन प्रतिष्ठा द्वादशी की तैयारियों में जुटा है. तो दूसरी ओर ट्रस्ट की ओर से ये भी साफ कर दिया गया है कि 31 दिसंबर को राम मंदिर पूर्ण रूप से खुला रहेगा. इतना ही नहीं 31 दिसंबर को श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पूरी तरह सुचारु रहेंगे. इस दिन भक्तों को न केवल प्रभु श्रीराम के दर्शन का सौभाग्य मिलेगा. बल्कि उनके भव्य श्रृंगार और विशेष अभिषेक के दर्शन का भी लाभ मिलेगा.
रामलला की प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर अयोध्या वेद-मंत्रों और राम नाम की गूंज में मगन रहेगी. कार्यक्रम का आयोजन अंगद टीला पर किए जाएगा. ट्रस्ट ने दूरदर्शन से इस कार्यक्रम के लाइव प्रसारण का अनुरोध किया है. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मालिनी अवस्थी, अनूप जलोटा समेत तमाम भजन गायकों को आमंत्रित किया गया है. साथ ही अतिथियों को बुलावा भेजा जा रहा है.
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