
आज पूरे देश में धूमधाम से बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन लोग खासकर छात्र बुद्धि और विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना करते हैं. मां सरस्वती से यह निवेदन करते हैं कि उन्हें अच्छी विद्या मिले और शिक्षा के प्रति समर्पण बना रहे. पूरे हर्षोल्लास के साथ यह त्योहार मनाया जाता है. इसके लिए तो बकायदा कई जगहों पर कुछ दिनों पूर्व से ही तैयारी शुरू हो जाती है. पूरे विधि विधान के साथ पूजा संपन्न होती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस दिन कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए. तो सबसे पहले आपको यह बताते हैं कि वो कौन-कौन सी ऐसी चीज है जो बसंत पंचमी के दिन न करें.
काले, लाल या अन्य रंग बिरंगे वस्त्र नहीं धारण करें
सबसे पहले यह बता दें कि मां सरस्वती को पीला रंग पसंद है. इस दिन पीले रंग का वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है. बसंत पंचमी के दिन भूलकर भी काला, लाल या कोई दूसरे रंग बिरंगी वस्त्र नहीं धारण करें. काला रंग तो वैसे भी नकारात्मकता को दर्शाता है.
नॉनवेज नहीं खाएं, शराब से दूरी बनाएं
बसंत पंचमी के दिन नॉनवेज बिल्कुल नहीं खाएं. शराब से भी दूरी बनाए रखें. बसंत पंचमी के दिन मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है. इसके बारे में बिल्कुल न सोचें. इन दिन अपने मन में कोई नकारात्मक विचार बिल्कुल नहीं आने दें. सबकुछ अच्छा सोचें. इस दिन खास तौर पर स्वच्छता और पवित्रता का पूरा ध्यान रखें.
पेड़-पौधों की कटाई नहीं करें
बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत ऋतु का आगमन होता है. इसलिए बसंत पंचमी के बारे में यह कहा जाता है इस दिन पेड़-पौधों की कटाई नहीं करनी चाहिए. पेड़-पौधों का सम्मान करने के लिए भी वृक्षों की कटाई से बचना चाहिए.
मां की पूजा के बाद ही कुछ ग्रहण करें
बसंत पंचमी के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें. मां सरस्वती की आराधना करें. इसके बाद मां की पूजा करें. पूजा करने के बाद ही कुछ भी ग्रहण करें. अगर संभव हो तो पूरे दिन फलाहार पर रहें और अगले दिन व्रत तोड़ें. अगर ऐसा नहीं संभव नहीं हो तो कम से कम पूजा तक कुछ भी ग्रहण नहीं करें.
कैसे करें मां सरस्वती की पूजा?
बसंत पंचमी के दिन सुबह उठकर विद्या की देवी मां सरस्वती का विचार अपने मन में लाएं. घर की सफाई के बाद स्नान करें और पूजा की तैयारी करें. मां सरस्वती को पीला रंग अति प्रिय है. इसलिए नहाने के बाद पीले या सफेद रंग का वस्त्र धारण करें. मां सरस्वती की पूजा वाली जगह भगवाण गणेश की मूर्ति जरूर रखें. जिस जगह पर पूजा कर रहे हैं वहां कॉपी, किताब या कलम जरूर रखें. पूजन थाली में कुमकुम, हल्दी और चावल रखें. संभव को तो पीले रंग के फूल की व्यवस्था करें. पहले भगवान गणेश की पूजा करें. इसके बाद पूरे विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा करें. पूजा के बाद मां सरस्वती की आराधना करें. इसके बाद सरस्वती स्त्रोत का पाठ जरूर करें.