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Betul: प्रेमानंद महाराज के लिए दरगार पर चढ़ाई गई चादर, मुस्लिम समाज के लोगों ने मांगी दुआ

वृंदावन के फेमस संत प्रेमानंद महाराज की तबीयत खराब है. उनके स्वास्थ्य को लेकर मध्य प्रदेश के बैतूल में मुस्लिम समाज के लोगों ने दुआ मांगा. मुसलमानों ने पहलवान बाबा की दरगाह में चादर और फूल चढ़ाया और प्रेमानंद महाराज की दीर्घायु और बेहतर स्वास्थ्य की कामना की.

Muslims prayed for Premanand Maharaj Muslims prayed for Premanand Maharaj

मध्य प्रदेश के बैतूल में वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों ने दुआ मांगी. मुस्लिम समाज के लोग पहलवान बाबा की दरगाह पर पहुंच और फेमस महाराज प्रेमानंद के जल्द स्वास्थ्य लाभ की दुआ मांगी.

प्रेमानंद के लिए मुसलमानों की दुआ-
बैतूल शहर में मुस्लिम समाज के लोगों ने गुरुवार को पहलवान बाबा की दरगाह में चादर व फूल चढ़ाकर प्रेमानंद महाराज की दीर्घायु और बेहतर स्वास्थ्य की कामना की. इस दौरान युवाओं ने कहा कि मानवता सबसे ऊपर है, और जब किसी संत या समाजसेवी की तबीयत बिगड़ती है तो सबको एकजुट होकर दुआ करनी चाहिए।

किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं महाराज-
बताया जा रहा है कि संत प्रेमानंद महाराज पिछले कुछ दिनों से पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से पीड़ित हैं, जिसके चलते उन्हें नियमित डायलिसिस करानी पड़ती है. मंगलवार को उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद देशभर में भक्त और अनुयायी उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं.

मानवता और आपसी भाईचारे का यह उदाहरण बैतूल में आपसी सद्भाव और धार्मिक एकता की मिसाल बन गया है.

हाल ही में हुआ था सीटी स्कैन-
बताया जा रहा है कि महाराज के पेट में सूजन आने पर डॉक्टरों ने उन्हें सीटी स्कैन कराने की सलाह दी थी. प्रेमानंद महाराज को शिष्य साधक उन्हें बिरला मंदिर के समीप एक पैथोलॉजी ले गए, जहां उनकी जांच की गई. महाराज की जांच रिपोर्ट के बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिली है. उनके शिष्य का कहना है कि प्रेमानंद महाराज एक रूटीन चेकअप के लिए गए थे.

राधा रानी के परम भक्त हैं प्रेमानंद-
प्रेमानंद महाराज राधा रानी के परम भक्तों में से एक हैं. प्रेमानंद महाराज का असली नाम अनिरुद्ध प्रसाद पांडे हैं. उनका जनम एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनका घर उत्तर प्रदेश के कानपुर के आखिरी गांव में हुआ था. प्रेमानंद महाराज के दादा भी संन्यासी थे. बचपन में 5वीं क्लास में ही उन्होंने भगवद गीता पढ़ना शुरू कर दिया था.

(राजेश भाटिया की रिपोर्ट)

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