
भाई दूज का पर्व भारत में भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और यमराज-यमुना की कथा से जुड़ी परंपराओं को दर्शाता है. इस वर्ष भाई दूज 23 अक्टूबर 2025 को है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.
यमराज ने अपनी बहन यमुना को दिया था वरदान
भाई दूज की शुरुआत यमराज और उनकी बहन यमुना की कथा से होती है. मान्यता है कि यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया था कि इस दिन भाई का तिलक करने से उसकी लंबी उम्र होगी और उसे यमलोक का भय नहीं रहेगा. मथुरा के विश्राम घाट पर स्थित यमराज और यमुना का मंदिर इस कथा का प्रतीक है. यहां भाई-बहन यमुना में स्नान करते हैं और यमराज-यमुना के दर्शन करते हैं.
भाई दूज की अनोखी परंपराएं
देश के विभिन्न हिस्सों में भाई दूज की परंपराएं अलग-अलग हैं. बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में बहनें गोबर से सांप और बिच्छू की आकृतियां बनाकर भाई को श्राप देती हैं और फिर अपनी जीभ पर कांटा चुभोती हैं. यह परंपरा भाइयों की अकाल मृत्यु से रक्षा का प्रतीक है. महाराष्ट्र और गुजरात में इसे भाई बीज कहा जाता है, जबकि पश्चिम बंगाल में इसे भाई पौरा के नाम से मनाया जाता है.
भाई दूज पर तिलक करने का क्या है शुभ मुहूर्त
1. भाई दूज पर इस बार तिलक करने का चार शुभ मुहूर्त है.
2. पहला मुहूर्त 23 अक्टूबर 2025 को दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.
3. दूसरा अभिजीत मुहूर्त रहेगा, जो कि सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.
4. तीसरा विजय मुहूर्त रहेगा, जो कि दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 2 बजकर 43 मिनट तक रहेगा.
5. चौथा गोधूली मुहूर्त रहेगा, जिसका समय शाम 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 09 मिनट तक रहेगा.
6. बहनें अपनी सुविधा और समयानुसार इन शुभ मुहूर्तों में भाई को तिलक कर सकती हैं. हालांकि दोपहर का मुहूर्त सबसे उत्तम माना गया है.
कैसे करें भाई को टीका
1. भाई दूज के दिन भाई सुबह चंद्रमा का दर्शन करें. इसके बाद यमुना के जल से या अन्य जल से स्नान करें.
2. इसके बाद बहन के घर जाएं और वहां बहन के हाथों से बना हुआ भोजन ग्रहण करें.
3. इसके बाद बहनें भाई को चौकी पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बिठाएं.
4. फिर भाई के माथे पर तिलक करके आरती करें. भाई की विजय की कामना करते हुए अंगूठे से तिलक करना चाहिए.
5. तिलक के बाद भाई के हाथ में कलावा या रक्षा सूत्र बांधें.
6. भाई अपनी यथाशक्ति के अनुसार अपनी बहन को उपहार दें.
7. तिलक करते समय बहन यदि भाई के माथे पर चंदन या केसर का तिलक लगाए तो उससे उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.
8. भाई दूज के दिन टीका करते समय यम का दीपक भी जलाएं, जिससे अकाल मृत्यु का भय समाप्त होगा.
भाई दूज पर उपहार और ज्योतिषीय उपाय
भाई दूज पर बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं. भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं. ज्योतिष के अनुसार राशि के अनुसार उपहार का चयन भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत कर सकता है. जैसे मेष राशि वाले भाई सोने की वस्तु, जबकि वृषभ राशि वाले चांदी की अंगूठी उपहार में दे सकते हैं.
भाई दूज का महत्व
भाई दूज केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और उनकी भावनाओं का उत्सव है. यह पर्व भाई की लंबी उम्र और बहन की दुआओं का प्रतीक है. यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करता है.