
भाई दूज केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और उनकी भावनाओं का उत्सव है. यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करता है. भाई दूज का पर्व कार्तिक शुक्ल द्वितीय को मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 23 अक्टूबर दिन गुरुवार को है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं.
क्या है इस पर्व से जुड़ी कथा
यमराज और यमुना की कथा के अनुसार, भाई दूज पर बहन के घर जाकर भोजन करने और तिलक करवाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है. पुराणों की एक कथा में उल्लेख है कि यमराज ने कहा था, भाई दूज के दिन जो भाई अपने बहन के घर जा कर के भोजन करेगा, बहन से तिलक करवाएगा, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होगी. इस दिन यमराज के सचिव चित्रगुप्त जी की पूजा भी की जाती है. पूजा विधि में भाई को सूर्योदय से पहले स्नान कर बहन के घर जाकर तिलक करवाना चाहिए. बहनें भाई को भोजन कराती हैं और उपहार देती हैं. भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देते हैं.
चित्रगुप्त पूजन की प्रक्रिया
चित्रगुप्त भगवान का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ था. इनकी पूजा मुख्य रूप से भाई दूज के दिन होती है. पूजा विधि में पूर्व दिशा में चौक बनाकर चित्रगुप्त भगवान की मूर्ति स्थापित करें. घी का दीपक जलाएं, फूल और मिठाई अर्पित करें. एक नई कलम अर्पित करें और सफेद कागज पर 'ओम चित्रगुप्ताय नमः' मंत्र 11 बार लिखें. इस कलम को साल भर सुरक्षित रखें.
भाई दूज पर तिलक करने का क्या है शुभ मुहूर्त
1. भाई दूज पर इस बार तिलक करने का चार शुभ मुहूर्त है.
2. पहला मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.
3. दूसरा अभिजीत मुहूर्त रहेगा, जो कि सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.
4. तीसरा विजय मुहूर्त रहेगा, जो कि दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 2 बजकर 43 मिनट तक रहेगा.
5. चौथा गोधूली मुहूर्त रहेगा, जिसका समय शाम 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 09 मिनट तक रहेगा.
6. बहनें अपनी सुविधा और समयानुसार इन शुभ मुहूर्तों में भाई को तिलक कर सकती हैं. हालांकि दोपहर का मुहूर्त सबसे उत्तम माना गया है.
कैसे करें भाई को टीका
1. भाई दूज के दिन भाई सुबह चंद्रमा का दर्शन करें. इसके बाद यमुना के जल से या अन्य जल से स्नान करें.
2. इसके बाद बहन के घर जाएं और वहां बहन के हाथों से बना हुआ भोजन ग्रहण करें.
3. इसके बाद बहनें भाई को चौकी पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बिठाएं.
4. फिर भाई के माथे पर तिलक करके आरती करें. भाई की विजय की कामना करते हुए अंगूठे से तिलक करना चाहिए.
5. तिलक के बाद भाई के हाथ में कलावा या रक्षा सूत्र बांधें.
6. भाई अपनी यथाशक्ति के अनुसार अपनी बहन को उपहार दें.
7. तिलक करते समय बहन यदि भाई के माथे पर चंदन या केसर का तिलक लगाए तो उससे उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.
8. भाई दूज के दिन टीका करते समय यम का दीपक भी जलाएं, जिससे अकाल मृत्यु का भय समाप्त होगा.