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Chandauli: मजार के पास मिली पत्थर की मूर्ति, खंडित चेहरे की वजह से पहचान मुश्किल

उत्तर प्रदेश के चंदौली में लतीफ शाह मजार की है और इसके पास एक छोटा सा मंदिर भी है. इसके पास एक मूर्ति मिली है. यह मूर्ति पत्थर पर तराशी गई है. लेकिन मूर्ति का चेहरा खंडित है. इससे पहचान कर पाना मुश्किल है कि ये किसकी मूर्ति है.

A statue has been found near the tomb A statue has been found near the tomb

उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक मजार के निचले हिस्से में मूर्ति मिली है, जो चर्चा का विषय बनी हुई है. इस मजार से सटा हुआ एक छोटा सा मंदिर भी है. देखने में मूर्ति काफी प्राचीन लग रही है और पत्थर को तराश कर बनाई गई प्रतीत हो रही है. हालांकि इस मूर्ति का चेहरा क्षतिग्रस्त है. जिसकी वजह से यह पहचान कर पाना मुश्किल हो रहा है कि यह किसी देवी की मूर्ति है या फिर किसी हिंदू देवता की मूर्ति है. फिलहाल सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने इस मूर्ति को उसे स्थान से उठाकर थाने में संरक्षित कर दिया है.

मजार के निचले हिस्से में मिली मूर्ति-
यूपी के चंदौली जिले के चकिया कोतवाली में डीसीएम गाड़ी पर रखी गई यह मूर्ति चकिया के ही लतीफ शाह मजार के पास मिली है. जिसे संरक्षित करने के लिए पुलिस ने फिलहाल थाने में रखा है. दरअसल चकिया कोतवाली क्षेत्र में लतीफ शाह डैम मौजूद है और उसके एक तरफ छोटी सी पहाड़ी पर लतीफ शाह का मजार स्थित है. लतीफ शाह की मजार के ठीक सटे हुए बाबा बनवारी दास का एक छोटा सा मंदिर भी है. बाबा बनवारी दास के मंदिर परिसर की तरफ जिला पंचायत से बाउंड्री वॉल का कार्य कराया जा रहा है. 

बताया जा रहा है कि यह मूर्ति इस बाउंड्री वॉल से कुछ मीटर दूर निचले हिस्से के पास मौजूद थी. वहां मौजूद इस मूर्ति पर किसी की नजर गई तो उसने इसका फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. जैसे ही इस बात की जानकारी स्थानीय प्रशासन को हुई तो चकिया कोतवाली पुलिस के साथ-साथ चकिया के एसडीएम भी मौके पर पहुंचे और मूर्ति का निरीक्षण किया. इसके बाद मूर्ति को संरक्षित और सुरक्षित रखने की गरज से इस मूर्ति को वहां से उठाकर चकिया कोतवाली में रख दिया गया.

बीजेपी विधायक कैलाश खरवार ने कहा कि लतीफ शाह में बाबा बनवारी दास का मंदिर है, जहां पर चारदीवारी की बाउंड्री हो रही है. वहां पर यह पत्थर की प्रतिमा दबी हुई थी. प्रतिमा को उठाकर लोग देखे तो यह प्रतिमा किसी देवी देवता की है. लेकिन चेहरा खंडित है. इसलिए यह नहीं पता चल पा रहा है की मूर्ति किसकी है. इसको वहां से मंगवा कर हम लोगों ने थाने में सुरक्षित रखवा दिया है. ताकि जब भी जरूरत होगी तो यह मूर्ति हमें उपलब्ध हो जाएगी.

पत्थर से तराश कर बनाई गई है मूर्ति-
मूर्ति को देखकर लगता है कि पत्थर को तराश कर बनाई गई इस मूर्ति का चेहरा क्षतिग्रस्त है. जिसकी वजह से यह पहचान नहीं हो पा रही है कि यह किसी देवी की मूर्ति है या किसी देवता की मूर्ति है. इस मूर्ति को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं भी व्याप्त हैं. कोई इसे भगवान विष्णु की मूर्ति कह रहा है तो कोई सूर्य भगवान की मूर्ति बता रहा है. लेकिन चेहरा क्षतिग्रस्त होने की वजह से यह स्पष्ट करना मुश्किल है कि यह आखिर किस देवी या देवता की मूर्ति है. उधर, लतीफ शाह मजार के पास इस मूर्ति के मिलने की सूचना के बाद इसे देखने आने वालों की भीड़ भी थाने में पहुंच गई. चकिया के भाजपा विधायक कैलाश खरवार भी पहुंचे और उन्होंने मूर्ति का निरीक्षण किया.

चकिया के एसडीएम विनय कुमार मिश्रा ने कहा कि जानकारी प्राप्त हुई थी कि जो लतीफ शाह डैम के पास लतीफ शाह की मजार है और उसी के पास एक छोटा सा मंदिर भी है, जो बनवारी बाबा के नाम से है. उसके समीप कोई मूर्ति मिली है, ऐसा लोगों द्वारा चर्चा में आया था. आज का सब इंस्पेक्टर साहब और मैं मौके पर गए थे. वहां हमने देखा कि यह चट्टान है 2 फीट बाई डेढ़ फीट बाई एक फीट की, उसमें एक मूर्ति खुदी हुई है. लेकिन उसे मूर्ति का शीश नहीं है. तो यह पहचान कर पाना बड़ा मुश्किल काम है कि वह किसकी मूर्ति है. प्राइमाफेसी वह कलाकृति दिख रही है. वैसे वहां पर किसी सरकारी एजेंसी या किसी संस्था द्वारा कोई खुदाई का कार्य नहीं हो रहा है. शायद वहां चट्टान के ऊपर यह मूर्ति रही होगी.

फिलहाल मजार के पास निचले हिस्से में मिली इस मूर्ति को चकिया कोतवाली में सुरक्षित रखवा दिया गया है और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इस मूर्ति का परीक्षण भी कराया जाएगा, ताकि यह पता चल सके कि यह मूर्ति कितनी पुरानी है और किस देवी या देवता की है. लेकिन मजार के पास मिली इस मूर्ति को लेकर क्षेत्र में चर्चाओं का दौर भी व्याप्त हो गया है और लोग इस मूर्ति को लेकर अलग-अलग तरह की चर्चा भी कर रहे हैं.

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