

आज जहां लोग अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं, वहीं हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे हैं, जो सफल बिजनेसमैन होने के बावजूद घर-परिवार और अरबों की दौलत छोड़ साधु बन गए हैं. शिवभक्ति में लीन हो गए हैं. उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा कर रहे हैं और कांवड़ियों की सेवा कर रहे हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं जापान के सफल बिजनेसमैन होशी ताकायुकी की, जो आज बाला कुंभ गुरुमुनि बन गए हैं. एक सपना और नाड़ी ज्योतिष ने होशी ताकायुकी की जिंदगी बदल दी. आइए जानते हैं कैसे?
होशी ताकायुकी की कैसे शुरू हुई थी आध्यात्मिक यात्रा
जापान के टोक्यो में ब्यूटी प्रोडक्ट्स की सफल चेन चलाने वाले 41 वर्षीय होशी ताकायुकी की आध्यात्मिक यात्रा भारत के तमिलनाडु राज्य से शुरू हुई थी. दरअसल, होशी ताकायुकी लगभग 20 साल पहले तमिलनाडु आए थे. उन्होंने नाड़ी ज्योतिष से अपने जीवन की भविष्यवाणी करवाई थी. इसमें उन्हें बताया गया कि उनका पिछला जन्म भारत के हिमालय क्षेत्र में हुआ था और वे शिवभक्त रहे थे.
इसके बाद उन्हें एक दिव्य स्वप्न आया, जिसमें उन्होंने खुद को उत्तराखंड के एक गांव में देखा. यहीं से होशी ताकायुकी की आध्यात्मिक यात्रा शुरू हुई. आपको मालूम हो कि नाड़ी ज्योतिष एक प्राचीन सिद्ध परंपरा है, जिसमें ताड़-पत्रों पर लिखी गई पांडुलिपियों के माध्यम से व्यक्ति के जीवन का विवरण प्राप्त किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि ये पांडुलिपियां हजारों वर्षों पुरानी हैं.
और सबकुछ छोड़ दिया
दिव्य स्वप्न आने और पिछले जन्म में शिवभक्त होने की बात मालूम चलने पर ताकायुकी ने ब्यूटी प्रोडक्ट्स का अपना बिजनेस छोड़ दिया. अपनी 15 दुकानों वाली व्यापारिक कारोबार को अपने अनुयायियों को सौंप दिया. ताकायुकी घर, परिवार और अरबों की दौलत सब कुछ त्यागकर खुद गेरुआ वस्त्र धारण कर भारत की आध्यात्मिक भूमि पर आत्मिक शांति की खोज में निकल पड़े हैं.
अब वह बाला कुंभ गुरुमुनि के नाम से पहचाने जाते हैं. पूरी तरह शिवभक्ति में लीन हो गए हैं. बाला कुंभ गुरुमुनि इन दिनों उत्तराखंड में आत्म-खोज की साधना में लगे हैं. हाल ही में उन्हें कांवड़ यात्रा के दौरान नंगे पैर पवित्र गंगा जल लेकर चलते हुए देखा गया. उनके साथ उनके लगभग 20 जापानी अनुयायी भी थे. कांवड़ियों का ख्याल रखते हुए बाला कुंभ गुरुमुनि ने देहरादून में दो दिवसीय भोजन शिविर का भी आयोजन किया, जहां सभी भक्तों को निःशुल्क भोजन परोसा गया.
जापान में घर को बनाया शिव मंदिर
होशी ताकायुकी यानी बाला कुंभ गुरुमुनि ने टोक्यो स्थित अपने घर को शिव मंदिर में बदल दिया है. इतना ही नहीं उन्होंने टोक्यो में एक दूसरा मंदिर भी बनवाया है. वहां वे हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार पूजा-अर्चना करते हैं. उनके कई जापानी अनुयायी अब उनके साथ भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से जुड़ने लगे हैं.
होशी ताकायुकी पुडुचेरी में 35 एकड़ जमीन खरीदी हैं. इस जमीन पर वे एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं. साथ ही उत्तराखंड में एक आश्रम खोलने की भी उनकी योजना है. होशी ताकायुकी कहते हैं, मैं देवभूमि उत्तराखंड से गहरे रूप से जुड़ा हुआ महसूस करता हूं. मुझे लगता है कि मेरा पूर्वजन्म यहीं बीता था. मैं आज भी उस पुराने गांव की तलाश कर रहा हूं. होशी ताकायुकी के सनातन धर्म में समर्पण को देखते हुए उन्हें निरंजनी अखाड़ा की ओर से ‘महामंडलेश्वर’ की उपाधि देने पर विचार किया जा रहा है. यह हिंदू संत समाज की एक अत्यंत प्रतिष्ठित उपाधि है.